तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के नये मुख्यमन्त्री

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देहरादून। सुस्वागतम तीरथ जी। पर बधाई! 2022 के चुनाव में सफलता मिलने पर।
आज तो चुनौतियों के पहाड़ सम्भाल आगे बढ़ना है। 2022 में भाजपा की पुनरू वापसी का सारा दारोमदार अब आपके सबल कन्धों पर!
जमीनी कार्यकर्ता आपको केवल साल भर का नहीं अगले पांच सालों का मुख्यमन्त्री मानते हैं।
चुनौतियां बड़ी, समय कम, डगर कठिन! फिर भी पार पाना है। उम्मीदों पर खरा उतर इतिहास झुठला सके तो आप भाजपा के सफल व नम्बर 1 मुख्यमंत्री बन जाओगे।
अपेक्षाओं का पहाड़ है और दवाब भी बहुत है। रूट के, जमीन के कार्यकर्ताओं ने इस पार्टी को खून पसीने से सींचा है। ऐसे कार्यकर्ता न कभी पदों के लिए लालायित रहे और न गुटबन्दी और खेमेबन्दी में रहे।
याद रहे कि ये कार्यकर्ता आगे पीछे घूमने में भी रुचि नहीं रखते। ये फूलों का हार लिये आपको बधाई और शुभकामनायें कहने भी न आयेंगे। दूर बैठ ही सब देखते रहेंगे।
ये अपने निजी काम के लिये भी शायद ही कभी आप के पास आयें, लेकिन सदैव की तरह इन की आंखें दूर से निहारती रहेंगी। हर कार्य का मूल्यांकन करेगी।
तीरथ जी! इनका किया मूल्यांकन ही मायने रखता है। भले ही आपको यह कुर्सी तथाकथित हाइकमान ने भेंट की हो पर असली कमान के मालिक तो ये मौन और दूर बैठे निर्लिप्त से दिखने वाले कार्यकर्ता ही हैं।
उपेक्षा हुई तो इनका दुखी मन आहें भर कराह उठता है। वह कराह कितनी नुक्सान देह होती है, इसे महसूस जरुर कर लेना।
बांकी तो बल सब ठीक ही हुआ…

यह रणजीत सिंह ज्याला द्वारा लिखी गई है।

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