देहरादून। त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अब पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मंगलवार को उनके इस्तीफे के बाद पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम ने इसके संकेत दिए। हालांकि यह जिम्मेदारी क्या होगी, यह कहना मुश्किल है।
मीडिया से बातचीत में दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि बुधवार को राज्य को नए मुख्यमंत्री मिलने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत एक मंझे हुए राजनेता हैं और ऐसे राजनेताओं की राष्ट्रीय स्तर पर बहुत आवश्यकता है।
राजनीति में आरोप लगते रहते हैं, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत एक ऐसे नेता हैं, जिन पर आज तक कोई आरोप नहीं लगा। दुष्यंत गौतम ने यह भी स्वीकार किया कि त्रिवेंद्र को कोई और भूमिका दी जाएगी। संभव है कि केंद्र की राजनीति में वह अपनी पारी की शुरुआत करें।
उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों की नाराजगी या सहमति तो ऊपर-नीचे होती रहती है लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने चार साल में केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता की सेवा की है।
वहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजभवन से जब इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो उनके साथ एक दर्जन विधायक थे। इससे पहले जब त्रिवेंद्र जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरे तो वहां डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता तो मौजूद थे, लेकिन पार्टी विधायक वहां नहीं पहुंचे थे।
केवल मुन्ना सिंह चैहान और देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ही दिल्ली से उनके साथ लौटे थे। राजभवन में इस्तीफा सौंपने के बाद उनके आवास पर समर्थकों का हुजूम उमड़ आया था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत, खानपुर विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे थे।
कैंट विधायक हरबंस कपूर, सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर, लालकुआं विधायक नवीन चंद दुमका, पिथौरागढ़ की विधायक चंद्रा पंत, विकासनगर विधायक मन्ना सिंह चैहान, झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल भी मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे थे।