धारचूला। भारत-नेपाल विवाद के बीच नेपाल के एफएम रेडियो में भारत विरोधी गाने बज रहे हैं। इन गानों में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल की भूमि बताया जा रहा है। बार-बार गाने बजने के बाद सीमांत के लोगों ने अब एफएम रेडियो सुनना बंद कर दिया है।
भारत के तमाम विरोध के बावजूद नेपाल ने भारतीय भूमि कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल कर लिया है। अब इससे संबंधित गीत नेपाल के एफएम रेडियो में भी प्रसारित हो रहे हैं। हमरो हो यो कालापानी, लिपुलेख, लिपिंयाधुरा- उठा जागा विर नेपाली… समेत कुछ अन्य भारत विरोधी गीत बजने के बाद अक्सर एफएम में नेपाली गीत सुनने वाले भारतीयों को गहरा धक्का लगा है।
इसके बाद धारचूला में रहने वाले भारतीय लोगों ने इस एफएम चैनल को सुनना बंद कर दिया है। नेपाली एफएम चैनल द्वारा ऐसे गीत प्रसारित करने से लोगों में काफी नाराजगी है।
सोशल मीडिया पर भी की विवाविद पोस्ट
इतना ही नहीं नेपाल के सोशल मीडिया पर भी भारत के खिलाफ तमाम विवादित पोस्ट की जा रही हैं। यू-ट्यूब चैनल में भी नेपाल के लोग कालापानी, लिपुलेख, लिम्पियाधुरा को अपनी जमीन बताते हुए इसे भारत से छुड़ाने की बातें कही जा रही हैं।
कालापानी का गीत नेपाल के एफएम में बजने का मामला सामने आया है। इसके बाद भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने नेपाली रेडियो सुनना बंद कर दिया है। भारत को लेकर नेपाल के सोशल मीडिया में तमाम विवादित बातें प्रसारित की जा रही हैं। भारत-नेपाल के रोटी-बेटी के रिश्तों को ध्यान में रखते हुए इस तरह लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली चीजों का प्रचार-प्रसार नहीं होना चाहिए।
– कृष्णा गर्ब्याल,रं कल्याण संस्था धारचूला इकाई के पूर्व अध्यक्ष
दोनों देशों के मैत्रिपूर्ण संबंध रहे हैं। यह संबंध आगे भी बने रहने चाहिए। भारत-नेपाल देशों के सीमांत में रहने वाले लोग एक दूसरे के सुख-दुख के साथी हैं। लोग चाहते हैं कि जो भी विवाद का विषय है उसको हल किया जाना चाहिए।
-मंगल सिंह ठगुन्ना, व्यापार संघ अध्यक्ष, दार्चुला नेपाल