देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया। अबतक के राहत और बचाव कार्य के दौरान चमोली जिला पुलिस ने 14 शव मिलने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अभी भी 125 से अधिक लोग लापता हैं। रात में भी बचाव कार्य जारी रहा। नुकसान का आकलन जारी है। सुबह तड़के चार बजे से एक बार फिर बचाव कार्य शुरू हो गया है। सुरंगों के पास से मलबा हटाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इनमें काफी लोग फंसे हुए हैं। हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। राज्य सरकार चार और केंद्र सरकार दो लाख रुपये की सहयोग राशि देगी। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं। वैश्विक नेताओं ने घटना पर गहरा दुख जताया है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने आवश्यकता होने पर मदद करने की पेशकश की है।
बड़ी सुरंग 70-80 मीटर तक साफ- अपर्णा कुमार, डीआईजी आईटीबीपी
The bigger tunnel has been cleared till 70-80 m. Debris blocked it, it is being cleared with the help of JCB. It is around 180 m long & around 30-40 workers are trapped since yesterday. Efforts are underway to rescue them: Aparna Kumar, DIG Sector HQ, ITBP Dehradun#Uttarakhand pic.twitter.com/JqCTI9zCBA
— ANI (@ANI) February 8, 2021
राज्य उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत श्रीनगर पहुंचे
चमोली जिले के प्रभारी मंत्री और राज्य उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत श्रीनगर पहुंच चुके हैं। यहां से वह केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के साथ आपदा ग्रस्त इलाके का निरीक्षण करने के लिए रवाना होंगे।
जोशीमठ में हवाई निरीक्षण कर लौट गया चिनूक
चमोली के रैणी गांव में तपोवन में अभी तक तीस मीटर तक सुरंग की खुदाई कर दी गई है। चिनूक हेलीकॉप्टर भी जोशीमठ में हवाई निरीक्षण कर लौट गया है।
वहीं चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद रात भर बिजनौर के लोगों की सांसे अटकी रहीं। यहां गंगा में जलस्तर नहीं बढ़ा। गंगा के सीमावर्ती गांव के लोगों को प्रशासन ने पहले ही अलर्ट कर दिया था। तमाम लोग गंगा किनारे से अपना सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। सभी को उम्मीद थी कि रात में गंगा का जलस्तर बढ़ेगा, लेकिन ऊपरी इलाकों से ही गंगा के पानी को नियंत्रित कर लिया गया। अभी गंगा में मात्र 7612 क्यूसेक पानी है।
भारतीय वायु सेना ने शुरू किया बचाव कार्य
देहरादून से जोशीमठ में एमआई-17 और एएलएच हेलीकॉप्टरों के साथ हवाई बचाव और राहत मिशन फिर से शुरू हो गए हैं। यह जानकारी भारतीय वायु सेना ने दी।
Aerial rescue & relief missions have resumed with Mi-17 & ALH helicopters flying from Dehradun to Joshimath with disaster relief teams on board: Indian Air Force#Uttarakhand pic.twitter.com/RplNQxbayO
— ANI (@ANI) February 8, 2021
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा, ‘हमने दूसरी सुरंग में खोज अभियान तेज कर दिया है। हमें जानकारी मिली है कि लगभग 30 लोग वहां फंसे हुए हैं। सुरंग को साफ करने के लिए लगभग 300 आईटीबीपी के जवान तैनात हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि लगभग 170 लोग लापता हैं। आईटीबीपी ने कल एक सुरंग से 12 लोगों को बचाया, ये 30 लोग एक अलग सुरंग में फंसे हुए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बचाव अभियान चल रहा है। यदि आवश्यकता पड़ी तो और टीमें भेजी जाएंगी, हम पहले सुरंग से लोगों को बचाकर बाहर निकाल रहे हैं।’
ITBP rescued 12 people from a tunnel yesterday, these 30 are trapped in a different tunnel. Rescue operation is underway in different areas. More teams will be sent there if it is required, we are focussing on rescuing people from the tunnel first: Vivek Pandey, ITBP Spokesperson
— ANI (@ANI) February 8, 2021
15 व्यक्तियों को किया गया रेस्क्यू
चमोली पुलिस ने कहा, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं।
टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं।#tapovanrescue #Chamoli #Uttarakhand_Disaster pic.twitter.com/szSaxJfEy7— Chamoli Police Uttarakhand (@chamolipolice) February 8, 2021
एसडीआरएफ ने शुरू किया बचाव कार्य
चमोली के तपोवन बांध के पास सुरंग पर एसडीआरएफ ने अपना बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
#Uttarakhand: SDRF members wait for the level of the Mandakini river to lower, to commence rescue operations for the people who're stranded in the tunnel near the Tapovan Dam in Chamoli pic.twitter.com/d5yJs8zoZ5
— ANI (@ANI) February 8, 2021
शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
आपदा से प्रभावित रैणी और तपोवन क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है। सुबह साढ़े 4 बजे से रेस्क्यू शुरू हो गया था। तपोवन टनल का मलबा हटाया जा रहा है
डीआरडीओ एक्सपर्ट की एक टीम आज पहुंचेगी उत्तराखंड
चमोली हादसे के वक्त मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालत न पैदा हो जाए, इसलिए बांध के पानी को रोक दिया गया था। हालांकि, अब उसी बांध के पानी को बड़ी सावधानी से छोड़ा जा रहा है क्योंकि बांध के ऊपर झील में भी पानी जमा हो गया है। हालांकि, किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद है। आज डीआरडीओ एक्सपर्ट की एक टीम उत्तराखंड पहुंचेगी। ये टीम चमोली में हादसे वाली जगह का मुआयना कर स्थिति का आकलन करेगी। टीम आसपास के ग्लेशियरों का भी अध्ययन करेगी।
टिहरी बांध से पानी छोड़ने का निर्देश
ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है। अब इस झील का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जिलाधिकारी ने एहतियातन टिहरी बांध से पानी छोड़ने का निर्देश दिया है।
मंदाकिनी नदी का जल स्तर कम होने का इंतजार
उत्तराखंड के चमोली में तपोवन बांध के पास सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान शुरू करने के लिए एसडीआरएफ के सदस्य मंदाकिनी नदी का जल स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं।
हमारी सहानुभूति उत्तराखंड के लोगों के साथः जापान के राजदूत
भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजूकी ने कहा, उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बड़े हादसे में कई निर्दोष लोगों की जान जाने और लापता होने के दुखद हादसे को लेकर मेरा हृदय बेहद दुखी है। मैं हार्दिक शोक जताता हुं और प्रार्थना करता हूं कि लापता लोगों को जल्द से जल्द बचा लिया जाएगा। हमारी सहानुभूति उत्तराखंड के लोगों के साथ है।
हम मृतकों के परिवारों और दोस्तों के दुख में शामिल हैंः अमेरिका
अमेरिकी विदेश विभाग ने ट्वीट में कहा, हम भारत में ग्लेशियर फटने और भूस्खलन के कारण प्रभावित होने वाले लोगों के प्रति शोक प्रकट करते हैं। हम मृतकों के परिवारों और दोस्तों के दुख में शामिल हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
हादसे पर वैश्विक नेताओं ने भी जताया दुख
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के कारण आई बाढ़ से हुए नुकसान पर पूरी दुनिया के कई नेताओं ने दुख जताया है। विभिन्न देशों के नेताओं ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ संवेदना भी जताई है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट में कहा, फ्रांस उत्तराखंड राज्य में ग्लेशियर फटने के चलते 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने के बाद पूरी तरह भारत के साथ एकजुट होकर खड़ा है। हमारी संवेदनाएं लापता लोगों और उनके परिजनों के साथ हैं।