विजिलेंस ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के रजिस्ट्रार रणवीर सिंह पंवार को पंजीकरण के लिए रिश्वत लते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रजिस्ट्रार ने डिप्लोमा ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसन के डिप्लोमाधारक से परिषद में पंजीकरण कराने के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। प्रभारी निदेशक विजिलेंस (डीआईजी) अरुण मोहन जोशी ने बताया कि 17 अप्रैल को एक शिकायती पत्र पुलिस अधीक्षक सतर्कता सेक्टर को एक युवक ने दिया। शिकायतकर्ता युवक ने डिप्लोमा ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसन (डीएएम) का कोर्स किया है और उसे प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड बलवीर रोड में पंजीकरण कराना था।
युवक भारतीय चिकित्सा परिषद में तैनात रजिस्ट्रार रणवीर सिंह पंवार पुत्र जय सिंह निवासी टी-स्टेट बंजारावाला से मिला। आरोप है कि रजिस्ट्रार ने युवक को उसकी पत्रावली सहित कागजात लेकर अपने घर के पास ज्वेलर्स की दुकान के बाहर बुलाया। उससे रिश्वत के रूप में 80 हजार रुपये की मांग की। युवक ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इतनी धनराशि देने में मजबूरी जाहिर की। आरोप है कि रणवीर सिंह पंवार 50 हजार रुपये लेकर रजिस्ट्रेशन कराने को राजी हुआ। इसके बाद रजिस्ट्रार लगातार युवक के परिचित डॉक्टर को फोन कर रुपये देने की मांग कर रहा था।
रजिस्ट्रेशन फीस के लिए अलग से पांच हजार रुपये की मांग की गई। रजिस्ट्रार पंवार ने युवक और उसके परिचित डॉक्टर को सोमवार को कार्यालय बुलाया था। इसकी जानकारी युवक ने विजिलेंस टीम को दी। एसपी सेक्टर श्वेता चौबे के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सोमवार को रजिस्ट्रार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एसपी चौबे ने बताया कि आरोपी के खिलाफ थाना सतर्कता सेक्टर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मेडिकल के बाद आरोपी को जेल भेजा गया। डीआईजी जोशी ने टीम को ईनाम देने की घोषणा भी की है।