सुसाइड कोई भी कर सकता पर हमें इसके कारणों को समझना होगा : डीआइजी

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हल्द्वानी : कोतवाली के बहुउद्देश्यीय मीटिंग हाल में शनिवार को मेंटल हेल्थ व वीलनेस सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें जिलेभर के एसआई व कांस्टेबलों ने प्रतिभाग किया। डीआइजी डा. नीलेश आनन्द भरणे ने अपने सम्बोधन में बताया कि प्रदेश में 150 काउंसलर हैं। जिनकी मॉनिटरिंग वह खुद करते हैं। उन्होंने कहा बुखार व अन्य बीमारियों की हम जांच करा लेते हैं। लेकिन मेंटल डिस्टर्ब होने की कोई जांच नहीं है। सुसाइड किसी के साथ हो सकता है लेकिन हमें समझना होगा कि ये स्थिति क्यों आती है। स्ट्रैच हमारे अंदर होना चाहिए लेकिन उसकी एक लिमिट होनी चाहिए। वह तय आपको करना होगा। 

सेमिनार में मेंटल हेल्थ मेडिकल ऑफिसर हिमांशु कांडपाल ने बताया कि मेंटल डिप्रेशन के लक्षण बार-बार सोचना है। 12 दिन तक ये चल रहा तो स्वजनों को बताएं। नींद, भूख, मन डिस्टर्ब हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह लें और दवाएं शुरू करें। स्वजनो को भी देंखें कि उसमें बदलाव तो नहीं आ रहा है। हमें डिप्रेशन से बचने के लिए सात से आठ घण्टे सोना होगा। साथ ही सुबह रोजाना योग करें। डिप्रेशन के दौरान किसी भी व्यक्ति का  मन नहीं लगता व  पसीना आने लगता है। ऐसे में उसे काउंसलिंग की जरूरत होती है। हफ्ते में एक दिन मोबाइल स्विच ऑफ रखें।

वहीं बीड़ी पांडे अस्पताल की मनोचिकित्सक मेघना परवाल ने बताया कि डिप्रेशन के आठ कारण होते हैं। तनाव में आने से नींद गायब हो जाती है। व्यवहार में बदलाव, खाने की डाइट में बदलाव समेत कई डिप्रेशन के लक्षण हैं। बताया कि  जहर गटकने के समय किसी व्यक्ति का अगर काल आ जाए या कोई आ जाए तो उसका माइंड डाइवर्ट हो जाता है। फिर वह कभी मरने के बारे में नहीं सोचता।

एसपी सिटी डा. जगदीश चन्द्र ने बताया कि कुछ समय पूर्व हुए पुलिस कर्मियों के सुसाइड पर उन्होंने जाना कि सुसाइड करने वाले 20 साल से 35 साल के लोग थे। सुबह नौ से 12 के बजे में सुसाइड किया। अकेलापन का समय भी यही है। सेमिनार में एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी समेत कई मौजूद थे।

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