सेना भर्ती में लिखित परीक्षा नहीं होने से फूटा पहाड़ के युवाओं का आक्रोश

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अल्मोड़ा। दो साल पहले सेना भर्ती में शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा नहीं होने से आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित अभ्यर्थियों  ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

गुरुवार को एसडीएम कार्यालय के सामने अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया। सेना भर्ती में शारीरिक परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों ने कहा कि करीब दो साल पहले रानीखेत में सेना भर्ती हुई थी। जिसमें ढाई हजार से अधिक युवाओं ने शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हें उम्मीद थी कि जल्द भर्ती प्रक्रिया होगी और उन्हें सेना में सेवा करने का मौका मिलेगा। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। लिखित परीक्षा के बारे में कोई जानकारी ही नही है। जिससे युवा बेरोजगारों का भविष्य अंधकारमय में हो गया है।

उनके पास रोजगार के अन्य विकल्प भी नहीं है। कई युवा बेरोजगार अधिक उम्र के होने से अब सेना भर्ती के लायक नहीं रह गए हैं। अगर जल्द भर्ती शुरू नहीं होती तो हम लोग भी सेना भर्ती में शामिल नही हो पाएंगे।  उन्होंने कहा कि सरकार को हटाने के लिए 8 मई को चौघानपाटा में युवा धरना प्रदर्शन करेंगे।

अगर उसके बाद भी सेना भर्ती नहीं निकाली जाती तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर दीपक साह, देवकीनंदन जोशी, मनीष रावत, मनीष जोशी, विवेक जोशी, सूरज आर्य, अनुराग बिष्ट, खड़क सिंह, योगेश मेहरा आदि मौजूद थे।

पहाड़ पर सेना में जाने का एक अलग ही जुनून होता है। यहां पर हर तीसरे घर में फौजी होता है। पर कोरोना काल से सेना भर्ती परीक्षा नहीं हो रही है। इससे युवा परेशान हैं। उनका कहना है कि ओवरएज होने पर उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। चुनाव के दौरान युवा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी सेना में भर्ती परीक्षा कराने की गुहार लगा चुके हैं। युवाओं का कहना है कि यदि जल्द परीक्षा को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे।

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