हरिद्वार कुंभः कोविड की स्थिति तय करेगी 14 जनवरी का पहला स्नान

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हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान तो कोविड के कारण रद्द हो गया। इसके साथ ही अब कुंभ के पहले स्नान मकर संक्रांति पर भी महामारी का साया पड़ने का खतरा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यदि स्थिति यही रही तो यह स्नान भी रद्द किया जा सकता है। हालांकि, अभी शासन और पुलिस के अधिकारी कोविड की स्थिति को लेकर ही विचार कर रहे हैं।  

दरअसल, कुंभ को लेकर सालों पहले तैयारियां शुरू हो जाती हैं। स्थानीय फोर्स की तैनाती और बाहर से फोर्स मंगाने जैसे निर्णय कुछ माह पहले ही तय किए जाते हैं, लेकिन इस बार मार्च 2020 से ही कोविड के कारण लॉकडाउन लग गया, जिससे सारे काम पीछे होते गए।
कई उच्चस्तरीय बैठकों में पहले भी इस बात को बताया गया कि आगामी कुंभ का स्वरूप क्या होगा यह कोविड की स्थिति पर ही निर्भर करेगा। मसलन, यदि कोविड बढ़ा तो कुंभ सीमित होगा।
 
स्थिति काबू में रही तो कुंभ का स्वरूप भी बड़ा हो सकता है
इसके साथ ही यदि कोविड की स्थिति काबू में रही तो कुंभ का स्वरूप भी बड़ा हो सकता है। हालांकि, तैयारियां इसके लिए भी सभी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही की जा रही हैं। कुंभ में स्नान घाटों को भी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर ही तैयार कराया गया है। मास्क, सैनिटागइजेशन आदि की व्यवस्था भी अलग से करने की तैयारी प्रशासनिक अमले की है। पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय ने शुरूआती तौर पर फोर्स की तैनाती भी हरिद्वार जनपद में कर दी थी। यह फोर्स शुरू से लेकर अंत तक वहां पर मौजूद रहेगी। 

कुंभ के स्वरूप को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों का यही कहना है कि यदि कोविड की स्थिति बेकाबू होती है तो आगामी स्नान भी रद्द किए जा सकते हैं। यह सब शासन के अधिकारियों के साथ मिलकर ही तय किया जाना है। हाल में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान भी इसी के चलते रद्द किया गया है। 

कोविड की स्थिति यदि इसी तरह से रही तो आगामी स्नान को लेकर भी कम ही संभावनाएं हैं। हालांकि, अभी इस पर विचार किया जा रहा है कि किस तरह से तैयारियां होनी हैं। इतना साफ है कि कोविड की स्थिति ही कुंभ के स्वरूप को तय करेगी।
– अशोक कुमार, डीजी (लॉ एंड ऑर्डर)

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