धारचूला: नेपाल के उच्च हिमालयी छांगरू में सीता पुल के पास नेपाल सशस्त्र बल की पोस्ट निर्माण में काम कर रही महिला मजदूर के बीमार पड़ने पर एसएसबी ने मानवीय पक्ष दिखाया। एसएसबी जवानों ने उसे भारत के रास्ते उपचार के लिए धारचूला भेजा। सीता पुल से सड़क तक स्ट्रेचर से लाने के बाद वाहन से छियालेख पहुंचाया।
नेपाल में इस समय छांगरु में काली पद पर अंतरराष्ट्रीय झूला पुल सीता पुल के पास एपीएफ की पोस्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। नेपाल की गर्लिक निर्माण सेवा कंपनी कार्य कर रही है। यहां कार्य कर रही एक महिला मजदूर संगीता ठेकरे 20 वर्ष पत्नी रमेश ठेकरे निवासी नौगांव गांवपालिका वार्ड संख्या एक ऐरकोट जिला दार्चुला नेपाल के पेट में अचानक तेज दर्द हो गया। तबीयत काफी खराब हो गई और महिला को अस्पताल पहुंचाना आवश्यक हो गया। नेपाल में रास्ता खराब होने से बीमार को दार्चुला लाना संभव नहीं था और भारत के धारचूला में इलाज के लिए लाने को सीता पुल पार कर भारत में प्रवेश करना था, परंतु उसके पास अनुमति पत्र नहीं था।
नेपाल में बीमार महिला के बारे में पता चलते ही और महिला के लिए उपचार की आपात स्थिति को देखते हुए एसएसबी के गब्र्याग इंचार्ज एसी बाबू लाल रेंगर छह जवानों के द्वारा बीमार महिला और उसके साथ चार तीमारदार नेपाल निवासी राजन ठेकरे, लक्ष्मण ठेकरे, किशन सिंह कुंवर और पार्वती ठेकरे को सीता पुल के रास्ते भारत में प्रवेश दिलाया। बीमार महिला को पुल से लाने के बाद उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे वाहन से छियालेख पहुंचाया। जहां सेना के मेडिकल कक्ष में प्राथमिक उपचार देने के बाद बूंदी के लिए रवाना किया ताकि महिला समय से धारचूला पहुंच सके और उसका उपचार हो सके। एसएसबी के इस प्रयास की सभी ने सराहना की है।
दूसरी तरफ नेपाल के कुछ संगठन दो दिन पूर्व की तार के सहारे काली नदी पार का भारत आ रहे नेपाली के बहने को लेकर एसएसबी पर आरोप लगाते इंटरनेट मीडिया में दुष्प्रचार कर भारत और नेपाल के मैत्री संबंधों में खटास पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां तक शनिवार को दार्चुला में प्रदर्शन कर भारत के खिलाफ नारेबाजी तक कर चुके हैं और धरना-प्रदर्शन कर रहे है।