हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी जिला पंचायत में कथित तौर पर करोड़ों के घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव, सचिव पंचायती राज, गढ़वाल मंडलायुक्त, जिलाधिकारी उत्तरकाशी व जिला पंचायत उत्तरकाशी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के निर्देश के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में भाजपा नेता व समाजसेवी कुंवर जपेंदर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए साढ़े पांच करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया है। जिला पंचायत में करोड़ों रुपये की प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं। याचिका में इस घपले की एसआइटी या सीबीआइ जांच कराने व इस घपले में शामिल लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने, जिला पंचायत अध्यक्ष के वित्तीय अधिकारी सीज करने की मांग की गई है।
साथ ही कहा गया है कि 2019 से आज तक जिला पंचायत उत्तरकाशी द्वारा जो भी निर्माण कार्य कराए गए हैं, वह धरातल में कहीं नहीं हैं। निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के फर्जी मस्टरोल बनाकर लाखों का भुगतान दर्शाया गया है। 2020 के माघ मेले में आय-व्यय के ब्यौरे में अनियमितता पकड़ी गई है। वित्त अधिकारी के संज्ञान में लाए बिना करोड़ों का आहरण किया गया है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद पक्षकारों को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।