उत्तरकाशी। नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार पाने वाली उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लाक की दियाड़ी ग्रामसभा कई मायने में खास है। ग्रामसभा की संपन्नता और सामाजिक सरोकार हर किसी को लुभाते हैं। वजह है पारदर्शिता के साथ होने वाले विकास कार्य। 44 परिवार और 450 की आबादी वाली यह ग्रामसभा पालीथिन मुक्त होने के साथ स्वच्छता के मानकों पर भी पूरी तरह खरी उतरती है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 150 किमी दूर स्थित दियाड़ी ग्रामसभा सड़क से जुड़ी हुई है। यहां साक्षरता दर भी 95 फीसद है। दस लोग पुलिस, सेना व अन्य सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। प्राथमिक और जूनियर विद्यालय ग्रामसभा में ही हैं।
यहां से आज तक एक भी परिवार ने पलायन नहीं किया। हर परिवार अपने पुश्तैनी व्यवसाय यानी खेती से जुड़ा हुआ है। यही इस ग्रामसभा की संपन्नता की कुंजी है। ग्रामीणों में सामूहिकता की भावना ग्रामसभा के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करती है। यहां ग्रामीणों ने पालीथिन का सामूहिक बहिष्कार किया हुआ है, जिसकी बदौलत ग्रामसभा पालीथिन मुक्त घोषित हुई। ग्रामसभा के सरदार सिंह कहते हैं, मनरेगा व अन्य विकास योजनाओं से गांव में जो भी कार्य करवाए जाते हैं, उनकी जन उपयोगिता को लेकर पहले ग्रामीणों की बैठक होती है। साथ ही सोशल आडिट भी किया जाता है।
ग्रामसभा में पिछले दिनों पानी के टैंक का निर्माण कराया गया था। इसके लिए भी पहले ग्रामीणों की समिति ने पुराने पेयजल टैंक की स्थिति जांची और फिर अपनी रिपोर्ट दी। पूरी पारदर्शिता के साथ पेयजल टैंक का निर्माण हुआ। इसी तरह ग्रामसभा में खेतों की सुरक्षा दीवार, गूल और हौज निर्माण का कार्य भी हुआ है।
हर परिवार कमा लेता है साल में पांच से दस लाख : दियाड़ी की मालो देवी और मीना देवी कहती हैं, ग्रामसभा का हर परिवार गेहूं और धान के साथ नकदी फसलों का उत्पादन करता है। एक परिवार एक वर्ष में पांच से दस लाख रुपये तक के टमाटर, शिमला मिर्च व मटर बेचता है। इन उत्पादों को खरीदने के लिए विकासनगर, देहरादून, सहारनपुर और दिल्ली की आजादपुर मंडी से आढ़ती आते हैं।
पुरस्कार की राशि से जल संरक्षण : दियाड़ी की प्रधान सुषमा वर्मा कहती हैं कि नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार के तहत ग्रामसभा को दस लाख रुपये मिले हैं। इन्हें खर्च करने के लिए भी ग्रामसभा की एक सामूहिक बैठक हो चुकी है और दूसरी बैठक होनी है। बैठक में बढ़ते पेयजल संकट को दूर करने के लिए इस धनराशि के उपयोग पर चर्चा हुई। बताया कि जिस पेयजल स्नोत से ग्रामसभा के लिए पानी की आर्पूित होती है, उसमें पानी लगातार कम हो रहा है। यही स्थिति रही तो आने वाले वर्षों में संकट बढ़ सकता है। इसलिए पेयजल स्नोत को रिचार्ज करने के लिए इस राशि से पौधारोपण, चाल-खाल निर्माण आदि कार्य किए जाएंगे। ताकि पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े।
हर सप्ताह सामूहिक स्वच्छता अभियान: उत्तरकाशी जिले की ग्रामसभा दियाड़ी की प्रधान सुषमा वर्मा ने बताया कि दियाड़ी में हर सप्ताह ग्रामीण सामूहिक रूप से स्वच्छता अभियान चलाते हैं। ग्रामसभा के रास्ते, पनघट, पंचायत घर व बरात घर में स्वच्छता अभियान चलाया जाता है। प्रधान सुषमा वर्मा कहती हैं कि स्वच्छता के साप्ताहिक कार्यक्रम के अलावा त्योहार, उत्सव व शादी समारोह में भी ग्रामीण सामूहिक स्वच्छता अभियान चलाते हैं।