नगर पालिका क्षेत्र में खुले मांस मदिरा की दुकानों को लेकर निर्मल गंगा संघर्ष महाअभियान समिति उत्तरकाशी, साधु संतों ने नाराजगी व्यक्त की है। समिति के सदस्यों ने बुधवार को विरोध में नगर मुख्यालय में रैली निकाली और पालिका क्षेत्र में संचालित हो रहे बूचड़खाने को बंद करने की मांग की।
बुधवार को कलक्ट्रेट पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उत्तरकाशी जिला मां गंगा और यमुना का उद्गम स्थल होने के साथ ही बाबा विश्वनाथ की पवित्र भूमि है। इस सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ क्षेत्र से करोड़ों हिंदुओं की आस्था से भी जुड़ा है। जिसे लगातार ठेस पहुंचाने का काम किया जा रहा है। नगर क्षेत्र में खुले बूचड़खानों की सारी गंदगी पवित्र गंगा, यमुना जल में प्रवाहित हो रही है। जिससे गंगा व यमुना नदी व काशी क्षेत्र की मर्यादा भी भंग हो रही है। प्रदर्शन कारियों ने कहा कि भारत सरकार व माननीय उच्च न्यायालय की नियमानुसार गंगा, यमुना या किसी भी जीवनदायिनी नदियों से 500 मीटर की दूरी के साथ ही इस प्रकार की दुकानों को अन्य मानकों के साथ संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है, जबकि उत्तरकाशी में इन मानकों का उल्लघंन किया जा रहा है। उन्होंने डीएम से ऐसी सभी गतिविधियां हफ्तेभर में बंद करवाने की मांग की है।
इस मौके पर पूर्व पालिका अध्यक्ष सुधा गुप्ता, काशी विश्वनाथ के महंत अजय पूरी, निर्मल गंगा समिति के संयोजक सूरज डबराल, जितेंद्र्र, अजय बडोला, विजय भट्ट, स्वामी गिरजा नंद, बालकुम दास, शिधेस्वर महाराज, स्वामी अक्षय नंद सरस्वती आदि मौजूद थे।