उत्तरकाशी। लॉकडाउन में रवाईं घाटी में फंसे कश्मीर के करीब 90 मजदूरों को प्रशासन ने रविवार को दो बसों में बैठाकर उनके घरों के लिए रवाना किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।
रवाईं घाटी में जम्मू एवं कश्मीर के डोडा, अनंतनाग, बारामूला के लोग भवन निर्माण कार्य और लकड़ी चिरान, कटान का काम करते हैं। यह लोग लॉकडाउन के कारण रवाईं घाटी में ही फंस गए थे। काम न मिलने से वह बेरोजगार हो गए। कश्मीरी मजदूर निशार अहमद, गुलाम नवी, रमजान, मंजूर अहमद, अमतियाज, सरीद खान और मोहम्मद सफी आदि ने बताया कि प्रशासन ने उनकी खाने, रहने व घर जाने की जो मदद की है, उसे वह कभी भूल नहीं पाएंगे। उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि श्रमिकों को दो बसों से रोहडू (हिमाचल) के रास्ते कश्मीर भेज दिया है।
लद्दाख के 54 छात्रों को भेजा घर
कीर्तिनगर प्रशासन ने लद्दाख के रहने वाले 54 छात्र-छात्राओं को सोमवार को तीन बसों से उनके घर को रवाना कर दिया। गढ़वाल केंद्रीय विवि के अतिरिक्त अन्य संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीर क्षेत्र के कुल 21 छात्र-छात्राएं भी जम्मू एंव कश्मीर के लिए रवाना हुए।