उत्तरकाशी। बर्फबारी में यमुनोत्री हाईवे राड़ी टॉप बंद होने के कारण बड़कोट आईटीआई से पैदल ही अपने घरों के लिए निकले सात छात्र पोल गांव और राड़ी के बीच जंगल में रास्ता भटक गए थे। जिनमें से एक छात्र अनुज सेमवाल की मौत हो गई है। बताया गया कि ठंड लगने के कारण अनुज की तबीयत खराब हो गई थी। जिस कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
शुक्रवार को सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन की टीम इन छात्रों की खोज को रवाना हो गई थी। हालांकि फोन पर उनसे संपर्क किया जा रहा था। आखिर रात को ही बड़ी मशक्कत के बाद टीम को सभी लापता छात्र मिल गए। जहां से अनुज को बड़कोट अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसने दम तोड़ दिया।
बड़कोट आईटीआई के छात्र चिन्यालीसौड़ निवासी दीपक ने बताया कि बर्फबारी के चलते शुक्रवार को वह अपने घरों को लौट रहे थे। उसके साथ प्रहलाद, सूरज, शुभम, विशाल, राजन और अनुज सेमवाल बड़कोट से अपने घरों के लिए निकले थे।
बड़कोट से कोई वाहन नहीं मिला तो पैदल ही चल दिए
यमुनोत्री हाईवे राड़ी टॉप में बंद होने के कारण उन्हें बड़कोट से कोई वाहन नहीं मिला तो वे 12 बजे पैदल ही उत्तरकाशी की ओर चल पड़े।
जंगल के रास्ते में भारी बर्फ बिछी होने के कारण वह रास्ता भटक गए। वह पोल गांव और राड़ी टॉप के बीच मुराल्टा के जंगल में कहीं फंस गए। आसपास कोई गांव या आबादी नहीं होने से उन्हें आश्रय नहीं मिल पाया। कड़ाके की ठंड से उनके साथी अनुज सेमवाल की तबीयत बहुत बिगड़ गई।
जबकि विशाल और राजन उनसे आगे निकल गए। जंगल में भटकने पर उन्होंने विभिन्न माध्यमों से प्रशासन तक अपने फंसे होने की सूचना पहुंचाई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया था।