टीका ही बचाएगा अभियान : नौकरी छोड़ मिशन टीकाकरण में जुटे चैन सिंह, ग्रामीणों को कर रहे जागरुक

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अपना सुख-चैन छोड़ मोरी के सांकरी गांव के चैन सिंह कोरोना के टीकाकरण अभियान को सफल बनने में जुटे हैं। इस अभियान में नौकरी आड़े आई तो उन्होंने उसे छोड़ने में पल भर की भी देरी नहीं की। वे गांवों में कोरोना से बचाव के साथ टीकाकरण को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। सीमांत विकासखंड मोरी के 41 वर्षीय चैन सिंह रावत को जुलाई 2020 में जिला आपदा प्रबंधन विभाग में मास्टर ट्रेनर के पद पर नौकरी मिली थी। उन्हें प्रतिमाह 35 हजार रुपये वेतन मिलता था। गांवों में कोरोना के मामले बढ़े तो उन्होंने कोरोना से जंग की ठान ली। नौ महीने की सेवा के बाद मार्च में उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। चैन सिंह मोरी के गांवों में लोगों को कोरोना से बचाव के नियमों और टीकाकरण को लेकर जागरूक करने में जुटे हैं। चैन सिंह ने बताया कि लोगों में टीकाकरण के प्रति कई भ्रांतियां हैं। जैसे कि टीका लगाने के बाद बुखार आ जाएगा या तबीयत बिगड़ जाएगी। इन्हें दूर करने के लिए वे गांवों में चौपाल लगाकर लोगों से बातचीत करते हैं। वे लोगों को बता रहे हैं कि टीकाकरण ही जीवन बचा सकता है। हरकी दून प्रोटेक्टेशन एंड माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के सचिव चैन सिंह पिछले बीस सालों से टूर एंड ट्रैकिंग, होम स्टे और क्लाइंबिंग क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जिले में प्रकृति ने खुले हाथों से नेमत बरसाई है।कई पर्यटन स्थल आज भी गुमनामी में हैं। उन्होंने ऐसे पर्यटन स्थलों को चिह्नित कर उनका प्रचार कर क्षेत्र के विकास का प्लान तैयार किया है। चैन सिंह व उनकी टीम मोरी के ओसला, गंगाड़, ढाडमीर, पवाणी, फिताड़ी, रेक्चा, कासला, लिवाड़ी, भितरी व खंयासणी गांवों में पहुंच चुकी है। यहां लगभग 70 ग्राम पंचायतें हैं।चैन सिंह ने बताया कि अभी तीन चरणों में अभियान चलाया गया है। कई ऐसे गांवों में भी उनकी टीम पहुंची हैं, जो सड़क से सात से आठ किमी की पैदल दूरी पर भी हैं।

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