मस्जिद के विरोध में जनाक्रोश रैली निकालने वाले प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच पथराव और लाठीचार्ज की घटना के बाद बीते गुरुवार रात जनपद में धारा 163 लागू कर दी गई थी। इसे लेकर शुक्रवार आज सुबह पुलिस ने अनाउंसमेंट कर लोगों को इसकी जानकारी दी। शहर में तनाव की स्थिति को देखते हुए अन्य जनपदों से अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाया गया है।
वहीं, शहर बाजार बंद को लेकर असमंजस का माहौल है। जनाक्रोश रैली बुलाने वाले एक समुदाय के धार्मिक संगठन का कहना है कि यह व्यापारियों की इच्छा है कि वह लाठीचार्ज की घटना के विरोध में अपने प्रतिष्ठान बंद रखें या नहीं। उन्होंने कहा कि वह बाजार बंद कराने के लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं करेंगे।
पुलिस नियमों का अनुपालन करने के लिए कर रही अपील
दूसरी तरफ घटना के विरोध में व्यापार मंडल के आह्वान पर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया गया है। नगर पंचायत में स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों सहित दुग्ध डेयरी,सब्जी विक्रेता, और मेडिकल स्टोर भी बन्द हैं। व्यापार मंडल ने अपने ग्रुप में दुकान खोलने वाले व्यापारी के विरुद्ध कार्रावाई की चेतावनी प्रसारित की है।
एसओ दीपक कठैत ने हिन्दू जागृति सगठंन के लोगों से सम्पर्क करते हुए नियमों का अनुपालन करने व जुलूस प्रदर्शन न करने की अपील कर रहे हैं। क्योंकि उत्तरकाशी जिले में धारा 163 लगी हुई है।
उत्तरकाशी में गुरुवार को मस्जिद विवाद ने बवाल का रूप ले लिया। एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली। पुलिस ने मस्जिद की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग लगा दिए, जिससे गुस्साए प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों से भिड़ गए।
करीब ढाई घंटे तक गतिरोध की स्थिति बनी रही। इस बीच कहीं से पुलिस की ओर बोतल फेंकी गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर किया। पथराव और लाठीचार्ज में प्रदर्शनकारी व पुलिस कर्मी सहित 27 लोग घायल हुए हैं। शहर में देर शाम तक तनाव का माहौल बना हुुआ है।
शहर में मस्जिद के खिलाफ एक समुदाय के धार्मिक संगठन की जनाक्रोश रैली को हल्के में लेना प्रशासन के लिए भारी पड़ा। यहां लाठीचार्ज शुरू होने के बाद डीएम और एसपी पहुंचे। जबकि प्रदर्शनकारी डीएम और एसपी से मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि यदि उन्हें आगे नहीं जाने दिया जा रहा है तो डीएम और एसपी आएं, उनसे बात करेंगे। इसके बावजूद अधिकारी नहीं पहुंचे।
जिला मुख्यालय में मस्जिद को लेकर जनाक्रोश रैली पहले से तय थी। भीड़ के उग्र होने की भी आशंका जताई जा रही थी। बृहस्पतिवार को रैली में शामिल लोगों को एक जगह करीब ढाई घंटे तक रोकने से भीड़ उग्र होती चली गई।