उत्तरकाशी। धरासू यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर छटांगा धार में हुए भूस्खलन को सोमवार की सुबह राजमार्ग प्राधिकरण की बड़कोट खंड की टीम ने हटाकर राजमार्ग को सुचारू किया, लेकिन रुक-रुक कर गिर रहे पत्थरों के कारण बड़कोट उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान ने छटांगाधार भूस्खलन जोन से यातायात प्रतिबंधित कर दिया है। अब यमुनोत्री धाम सहित यमुनोत्री घाटी के यातायात को पौंटी पुल, राजगढ़ी से डायवर्ट किया जा रहा है। इस वैकल्पिक मार्ग से यमुनोत्री धाम की 26 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी बढ़ गई है।
बीते रविवार की सुबह चार बजे बड़कोट से पांच किलोमीटर यमुनोत्री की ओर छटांगा धार के पास से भूस्खलन होना शुरू हुआ। फिर पूरे दिन भूस्खलन जारी रहा। सोमवार की सुबह कुछ देर के लिए भूस्खलन रुका तो बड़कोट खंड की टीम ने राजमार्ग को सुचारू किया गया, लेकिन उसके कुछ देर बाद से ही पत्थर गिरने शुरू हुए। जिसके कारण फिर से यातायात को रोकना पड़ा। गौरतलब है कि धरासू यमुनोत्री राजमार्ग पर ऑलवेदर सड़क का कार्य प्रगति पर है। छटांगा के पास भी ऑलवेदर सड़क की कटिग का कार्य चल रहा है। बड़कोट के उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान ने कहा कि राजमार्ग पर छटांगाधार के पास भूस्खलन और पत्थर गिरने का खतरा अभी बरकरार है। राजमार्ग की ऊपर की पहाड़ी पर भारी मात्रा में लूज मलबा व पत्थर हैं। जो कभी भी गिर सकते हैं। खतरे को देखते हुए यातायात को पौंटी पुल राजगढ़ी मार्ग पर संचालित किया गया है। राजमार्ग सुरक्षित होने में दो से तीन दिन का समय लगना तय है।