ऑलवेदर परियोजना के तहत तेखला-हीना बाइपास निर्माण को लेकर डीएम अभिषेक रूहेला की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक में ऑलवेदर रोड चारधाम संघर्ष समिति सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों ने जिला प्रशासन से बाईपास बनाए जाने पर आपत्ति व्यक्त की। कहा कि बीआरओ ने जब पुराने रूट से हाईवे चौड़ीकरण का चिह्नांकन कर दिया था, तो फिर अचानक नया बाईपास बनाने का ठोस कारण सामने रखा जाना चाहिए।
मंगलवार को जिला सभागार में डीएम की मौजूदगी में हुई बैठक में चारधाम सड़क परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग 34 के संरेखण व निर्माण की आपत्तियों पर जोरदार बहस हुई। बैठक में ऑलवेदर रोड चारधाम संघर्ष समिति उत्तरकाशी, जिला पंचायत सदस्यों, प्रधान, क्षेपंस, होटल व्यवसायियों, बीआरओ व प्रशासनिक अधिकारियों ने बाईपास निर्माण पर अपनी दलीलें रखीं। बैठक में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को यथावत रखने व सड़क चौड़ीकरण डबल लेन बनाये जाने की जोरदार मांग रखी गई। नए बाईपास बनाने का कड़ा विरोध जताया।
संघर्ष समिति अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा ने बीआरओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि बाईपास सड़क बनाने के पीछे करोड़ों रुपये ठिकाने लगाकर धन की बर्बादी के सिवा और कुछ भी मंशा नजर नहीं आती। पूर्व में सड़क पर 12 मीटर चौड़ा निशान, चिन्हांकन किया जा चुका है, लेकिन अचानक से नए बाइपास बनाने के पीछे कोई ठोस वजह बीआरओ स्पष्ट नहीं कर पाया। जिन होटल व्यवसायियों ने सरकार की योजनाओं के माध्यम से बैंकों से लाखों का ऋण लिया है, उनके बारे में सोचा जाना चाहिए। पूर्व में हाई पावर कमिटी ने तत्कालीन विधायक, डीएम और जनता की आपति पर बाइपास निर्माण को निरस्त कर दिया था। बैठक में अशोक सेमवाल, कमल रावत, मनोज मिनान, माहेश्वरी भट, खुशाल नेगी, राजेन्द्र पंवार ने कहा कि नई सड़क में हज़ारों पेड़ कटेंगे। मनेरी भाली टनल को नुकसान होगा। नई सड़क में लैंड स्लाइड अधिक होगा। डीएम अभिषेक ने आश्वस्त किया कि जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए शासन को आपत्ति भेजी जाएगी। मौके पर बीआरओ कमांडर राजेश राय, मेजर बीनू , एडीएम तीर्थपाल सिंह, एसडीएम भटवाड़ी चतर सिंह चौहान, जनप्रतिनिधि देवेन्द्र चौहान, दिग्विजय नेगी, मधु राणा, अमित सेमवाल, नरेश चौहान, प्रताप रावत थे।