सामरिक मजबूती के लिए सड़क निर्माण की जरूरत

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उत्तरकाशी। इस बीच सेना ने सीमा की सबसे निकटवर्ती चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर एमआई-17 हेलीकॉप्टर और मल्टीपरपज विमान एएन-32 के साथ अभ्यास भी किया। आईटीबीपी 12वीं एवं 35वीं वाहिनी के हिमवीर बॉर्डर पर मुस्तैदी से डटे हैं। साथ ही हर्षिल में तैनात 9 बिहार रेजीमेंट के साथ ही गढ़वाल स्काउट, कुमाऊं स्काउट एवं लद्दाख स्काउट के जवान भी बॉर्डर पर पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

भारत की ओर से सामरिक तैयारियों के लिहाज से ऑल वेदर रोड को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि अभी तक उत्तरकाशी से भैरोंघाटी तक पर्यावरणीय कानूनों के चलते ऑल वेदर रोड को स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इसके साथ ही अग्रिम पोस्टों को सड़क से जोड़ने के लिए करीब 68 किमी लंबी सड़कों के प्रस्ताव भी अभी लंबित हैं। 

जिले की ओर से भारत-चीन बॉर्डर पर आईटीबीपी एवं सेना तैनात है। बॉर्डर पर किसी तरह की गतिविधि को लेकर प्रशासन को कोई निर्देश या सूचना नहीं मिली है। बॉर्डर इलाके में सामान्य दिनों की तरह भेड़पालकों को चरान चुगान की अनुमति दी गई है। उत्तरकाशी से भैरोंघाटी के बीच ऑल वेदर रोड की डीपीआर तैयार की जा रही है। स्वीकृति मिलते ही इस पर कार्य शुरू कराया जाएगा।
– डा. आशीष चैहान, डीएम उत्तरकाशी

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