सड़क न होने से कई किलोमीटर पैदल चली गर्भवती, सड़क पर ही जन्मा बच्चा

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उत्तरकाशी। पहाड़ के लोगों की मुश्किलें भी पहाड़ जैसी हैं। हिमरोल गांव की एक गर्भवती रामप्यारी को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे लेकर पैदल ही चले, ताकि मुख्य सड़क तक पहुंचकर उसे अस्पताल ले जाया जा सके। लेकिन गर्भवती ने मुख्य सड़क तक पहुंचने से पहले गांव के रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। 

परिजन मुश्किलों के साथ जच्चा-बच्चा को किसी तरह मुख्य सड़क तक ले जाकर 40 किलोमीटर दूर स्थित सीएचसी नौगांव लेकर पहुंचे। यहां उपचार के बाद दोनों सकुशल हैं। रामप्यारी (32) के पति लक्ष्मण नौटियाल ने शुक्र जताया कि कोई अनहोनी नहीं हुई। उनके मुताबिक अगर गांव तक सड़क होती तो वह अपनी पत्नी को समय से अस्पताल पहुंचा पाते। उनके मुताबिक सीएचसी लाने में देर हो जाती तो दोनों की जान को मुश्किल हो सकती थी।  

श्रमदान से बना रहे थे सड़क, चट्टान बाधा बनी
बताते हैं कि कागजों में हिमरोल गांव तक सड़क बन गई है, लेकिन हकीकत में ऐसा हुआ नहीं है। गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने में एक किलोमीटर की दुर्गम राह है। कोरोना संक्रमण के चलते गांव लौटे प्रवासी युवाओं ने श्रमदान से सड़क बनाने की कोशिश की थी। लेकिन आधा किलोमीटर सड़क खोदने के बाद रास्ते में चट्टान आ गई। जिससे उनकी हिम्मत जवाब दे गई। 

गांव तक सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को हुई घटना के पीछे भी सड़क ही कारण है। सरकार को जल्द से जल्द उनके गांव तक सड़क बनानी चाहिए।
मधुबाला बडोनी, ग्राम प्रधान हिमरोल गांव। 

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