हिमस्खलन हादसे की खबर सुन करीब 1100 किमी का सफर बाइक में ही तय कर उमा उत्तरकाशी पहुंचे। युवक ने निम व प्रशासन से रेस्क्यू अभियान में सहयोग की इच्छा जताई। युवक ने कहा कि वे प्रशिक्षित पर्वतारोही व ट्रेकर हैं। उन्होंने कई छोटे-बड़े हादसों में रेस्क्यू किया है।
इसलिए उन्हें रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने की अनुमति दी जाए। निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद और सेवा करने का जज्बा कई युवाओं का जुुनून है। इसी जुनून के साथ गोरखपुर निवासी उमा सिंह (26) करीब 1100 किमी का सफर बाइक में तय कर अकेले उत्तरकाशी पहुंचा।
उमा सिंह ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मीडिया से मिली तो वे रेस्क्यू में सहयोग करने के लिए बाइक से अकेले ही उत्तरकाशी पहुंच गए। उमा सिंह ने कहा कि वे वर्ष 2019 से साइकिलिंग, ट्रेकिंग व पर्वतारोहण कर रहे हैं। हिमालय इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग दार्जिलिंग से उन्होंने सर्च एंड रेस्क्यू का प्रशिक्षण लिया है।
उमा सिंह ने बताया कि पांच अक्तूबर को घटना की जानकारी मिलते ही वे घर से उत्तरकाशी के लिए निकले पड़े। सात अक्तूबर रात 12 बजे वे उत्तरकाशी पहुंचे। यहां उन्होंने प्रशासन व निम से रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने की इच्छा जताई। उमा सिंह ने बताया कि गोरखपुर से उत्तरकाशी बस से आने में समय अधिक लगता है। हवाई जहाज से आने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। इसलिए वे अपनी बाइक से आए।
उमा सिंह ने बताया कि वे गांव में मेहनत मजदूरी कर लेते हैं। उससे जो कमाते हैं उसे रेस्क्यू आदि में ही खर्च कर देते हैं। पिता किसान हैं इसलिए घर से भी आर्थिक मदद नहीं हो पाती है।