उत्तरकाशी। उत्तराखंड राज्य को बने हुए 18 वर्ष का समय पूरा हो गया है। लेकिन उसके बाद भी यहां के लोग आज भी अपनी मूलभूत समस्याओं से पार नहीं पा सके हैं। कुछ कुछ ऐसा ही मामला है डुंडा ब्लॉक के जोगियाड़ा गांव का है। जहां सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण ग्रामीण वर्षों से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। जिससे ग्रामीणों को दूर दराज स्थित प्राकृतिक स्रोत से पानी लाना पड़ रहा है। वहीं गांव में बनी इस समस्या को देखते हुए अब यहां की बहु-बेटियों ने भी गांव जाना ही छोड़ दिया है।
मामला डुंडा ब्लॉक के भंडारस्यूं पट्टी के ग्राम पंचायत टिपरा के जोगियाड़ा गांव का है। जहां उत्तराखंड राज्य बनने के 18 वर्ष बाद भी ग्रामीण पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन सरकरी तंत्र इतना लापरवाह है कि ग्रामीणों की समस्या पर मूक दर्शक बना हुआ है। जल प्रबंधन ईकाई की ओर से इस गांव में कोई पेयजल योजना का निर्माण न होने कारण गांव की महिलायें, पुरूष तथा स्कूली बच्चे दूर-दराज स्थित प्राकृतिक स्रोत से पानी लाने को विवश हैं। जिसमें खासकर गांव की 60 वर्ष से अधिक बुजुर्गों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं गांव की वर्तमान स्थिति देखें तो गांव में एक दशक पूर्व 50 से 60 परिवार निवास करते थे। लेकिन निरंतर बनी पेयजल समस्या को देखते हुए गांव में अब 25 परिवार ही शेष रह गए हैं। ग्रामीणों की ओर पेयजल आपूर्ति के लिए जल प्रबंधन ईकाई सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायक, मंत्री सहित पेयजल आपूर्ति की गुहार लगाई गई। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। जिससे ग्रामीणों का अब सरकारी सिस्टम से भरोषा ही उड़ गया है। गांव में पानी न ढोना पड़े इसके लिए गांव की बहू-बेटियों ने गांव जाना ही छोड़ दिया। वहीं अधिकांश परिवार गांव से पलायन कर चुके हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
विभाग के पास बजट का अभाव है। यदि जोगियाड़ा में समस्या बनी है तो बजट उपलब्ध होते ही नई पेयजल योजना का निर्माण किया जायेगा।
बीएस डोगरा, ईई जल संस्थान
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
टिपरा के जोगियाड़ा गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए जल संस्थान व जल निगम को पत्र प्रेषित किया गया था। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही विभाग की ओर से नहीं की गई। जिसके लिए खेद है।
सविता सेमवाल, कनिष्ठ प्रमुख डुंडा
क्या कहते हैं ग्रामीण…
यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने गत दो वर्ष पूर्व गांव में पेयजल लाइन बनाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक गांव में किसी प्रकार का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है।
प्रकाश मणि, स्थानीय ग्रामीण
जोगियाड़ा गांव में पेयजल की समस्या से हो रहे पलायन व पेयजल आपूर्ति के लिए जनता दरबार सहित जिले के प्रभारी मंत्री को समस्या से रूबरू करवाया गया। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।
लक्ष्मण सिंह भंडारी, सदस्य जिला पंचायत।
गांव में पेयजल आपूर्ति न होने के कारण बुजुर्गों व स्कूली बच्चों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। गांव में पानी की ढुलान न करनी पड़े इसके लिए अधिकांश बहु बेटियां भी गांव आने को तैयार नही है।
धर्मानंद भट्ट, कृति मणि, स्थानीय ग्रामीण