उत्तरकाशी (संवाददाता) : पर्वतीय गाँव एक ओर पलायन की मार झेल रहे हैं तो दूसरी ओर गांवों में रह रहे लोगों के लिए सड़क बहुत जरुरी हो गई है। उत्साही ग्रामीण कैसे भी हो सड़क चाहते हैं। उत्तरकाशी हीना गांव के रजनीश और जयवेंद्र राणा को ही देख लीजिये सड़क की ललक में उन्होने उबड़-खाबड़ एसीसी मार्ग से ही गांव में पहली बार दुपहिया वाहन पहुंचा दिया।
जिला मुख्यालय से महज 12 किमी दूर भटवाड़ी ब्लॉक में हीना गांव का मुख्य बाजार पड़ता है। यहां से करीब दो किमी दूर हीना गांव है। इन दिनो गांव में करीब 150 परिवार रहते हैं। विडंबना ये है कि गांव अभी तक सड़क से नहीं जुड़ सका। ग्रामीण घोड़े, खच्चरो से सामान ढोने को मजबूर है।
अब पहली बार गांव में दुपहिया वाहन पहुंचा तो लोग हैरत मे पड़ गए। दरअसल रजनीश और जयवेंद्र एसीसी मार्ग से ही वहां वाहन ले गए। रजनीश ने बताया कि हीना गांव में प्रशासन ने 2008 में करीब दो किमी सड़क स्वीकृत की थी। लेकिन वन विभाग के अड़ंगे से अभी तक गांव में सड़क निर्माण नही हो पाया।
उन्होने बताया कि यदि मनरेगा के तहत एसीसी मार्ग को ही थोड़ा चौड़ा कर दिया जाए तो कम से कम दुपहिया वाहन तो गांव मे पहुंच सकेगे। उन्होने बताया कि गांव के 25 फीसद लोगो के पास दुपहिया वाहन है पर गांव तक नही ले जा सकते। मजबूरन उन्हे वाहन हीना मुख्य बाजार में ही पार्क करने पड़ते है, इससे उनके वाहन हमेशा असुरक्षित भी रहते है।