रानीखेत। संवाददाता। समीपवर्ती मजखाली स्थित राज्य जैविक कृषि प्रशिक्षण केंद्र में उत्त्तरकाशी से पहुंची महिला समूह सदस्यों ने फसलों के दुश्मन कीटों से निबटने के गुर सीखे। विशेषज्ञों ने आधुनिक खेती के नाम पर रासायनिक उर्वरक व दवाओं के इस्तेमाल से अधिक पैदावार से होने वाले मृदा को नुकसान की जानकारी देते हुए जैविक खाद के प्रयोग पर जोर दिया। साथ किसानों के मित्र व दुश्मन कीटों के बारे में विस्तार से बताते हुए दुश्मन कीट नियंत्रण की विभिन्न विधियों से रूबरू कराया।
किसानों ने जाने कीट नियंत्रण के गुर
गढ़वाल मंडल के उत्त्तरकाशी जिले के डुंडा ब्लॉक के विभिन्न गांवों से पहुंची महिला समूह सदस्यों ने मजखाली में जैविक खेती का प्रशिक्षण लिया। इस अवधि में उन्होंने जैविक खाद, कीट व रोगनाशक आदि बनाने व प्रयोग विधि सीखी। पादप संरक्षक दवाओं से कैसे जैविक उत्पादन को बढ़ावा दें, इसके भी गुर जाने। केंद्र प्रभारी डॉ. डीएस नेगी ने दुश्मन कीटों के जानकारी देते हुए नियंत्रण की जानकारी दी। प्रशिक्षण प्रबंधक मनोहर सिंह अधिकारी ने जैविक खाद निर्माण, मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने आदि के गुर बताए।