कर्णप्रयाग। चमोली जिले के लामबगड़ (गैरसैंण) में रविवार शाम को बादल फटने की घटना के बाद ग्रामीण सोमवार को भी सहमे दिखे। यहां चारों तरफ सन्नाटा और खामोशी पसरी हुई है। हादसे में मृतक बादर सिंह के परिवार सहित पूरा गांव शोकाकुल है। सुबह होते ही लोग अपने बर्बाद खेत-खलिहानों को निहारते दिखे। प्रशासन और पुलिस की टीम गांव में प्रभावितों की सहायता के लिए पहुंच गई।
चमोली जिले की डीएम स्वाति एस भदौरिया ने आज सुबह गोपेश्वर से गैरसैंण के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को नियमानुसार हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। उधर, पीडब्ल्यूडी की मशीनें मार्ग खोलने के लिए पहुंच गईं हैं। लामबगड़ क्षेत्र में इंटरनेट नहीं चल रहा है। दूरसंचार सेवाएं भी ठप पड़ी हैं। लोग डीएम सहित अन्य बड़े अधिकारियों के आने का इंतजार कर रहे हैं।
गैरसैण के लामबगड़ में फटा बादल, एक की मौत
रविवार को दोपहर शाम चमोली जिले में हुई बारिश के दौरान गैरसैंण ब्लॉक के लामबगड़ गांव के शीर्ष पर बादल फटने से भारी तबाही हो गई। यहां गांव की कई नाली कृषि भूमि सहित गांव को यातायात से जोड़ने वाली सडक भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।
वहीं ग्रामीणों के अनुसार गांव के व्यक्ति भी घटना के बाद से लापता बताया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन की ओर आपदा राहत एवं बचाव टीम के साथ ही तहसील प्रशासन की टीम को भी मौके के लिये रवाना किया गया। रविवार को अपराहन करीब 3 बजे लामबगड़ गांव के बांजा जंगल धार खर्क के समीप गोंगनाणी गधेरे में बादल फटने से भारी मात्रा में पानी और मलबा गांव के ओर आने से गंगनहर, लामबगड, रामगडेरी, बिष्ट बांखली, नेगी बांखली गांवों में भारी तबाही हो गई।
मलबे में दबने से दर्दनाक मौत
यहां लामबगड़ गांव के बादर सिंह की मलबे में दबने से दर्दनाक मौत हो गई। खोजबीन के दौरान ग्रामीणों को बादर सिंह का शव घटना स्थल से 300 मीटर की दूरी पर मलबे में दबा हुआ मिला। साथ ही क्षेत्र के पांच गांवों की सैकड़ों नाली भूमि भी मलबे में दफन हो गई है।
जबकि गांवों को यातयात से जोड़ने वाली चैखुटिया सड़क अवरुद्ध हो गई है। वहीं रामगडेरी गांव के रामसिंह की गौशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ यहां रामगडेरी गांव को बाहरी क्षेत्र से जोड़ने के लिये रामगधेरे पर बनी पैदल पुलिया बह गई है।