मां सती अनुसूया मंदिर में तप करने से होती है संतान की प्राप्ति।

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गोपेश्वर (संवाददाता) : चमोली जिले के मां सती अनुसूइया मंदिर में आज भी महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए रात्रि जागरण कर तपस्या करती हैं। लोक मान्यता है कि इसी स्थान पर त्रिदेव बालक रूप में रहे थे। इसी के निमित्त हर साल यहां दो दिवसीय भव्य मेले का आयोजन होता है। जिसका शुभारंभ हो गया है।

जिला मुख्यालय गोपेश्वर से 14 किमी दूर चोपता मोटर मार्ग पर मां अनुसूइया का मंदिर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए चार किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। इस मंदिर की खास बात यह है कि वर्ष में एक बार यहां दतात्रेय जयंती पर महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए तप करती हैं। मान्यता है कि मुनि अत्रि की पत्नी मां सती अनुसूइया के सतीत्व की परीक्षा लेने के लिए जब ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने निर्वस्त्र होकर भोजन करने की इच्छा जताई तो मां अनुसूइया ने उन्हें बालक रूप देकर अपने आश्रम में भोजन कराया। इसी संतान दायिनी रूप में उन्हें यहां पूजा जाता है।

महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए आज भी मंदिर में तप करती हैं। परंपरा के अनुसार महिलाओं को रात्रि में मां अनुसूइया के आगे तप करने बैठना पड़ता है। स्वप्न होने पर वह सुबह स्नान करने के बाद ही घर लौटती हैं। संतान प्राप्ति के बाद दंपत्ती को यहां पूजा के लिए आना पड़ता है।

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