राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण बिल को लेकर सोमवार को आयोजित प्रवर समिति की बैठक में विपक्ष के विधायक नहीं पहुंचे। इसके चलते प्रवर समिति के अध्यक्ष संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बैठक को स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के आरक्षण का फैसला हम मिलकर लेना चाहते हैं। इसलिए विपक्ष का बैठक में होना जरूरी था। विधायक नहीं आए इसलिए अब बैठक बाद में आयोजित होगी।
बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान राज्य आंदोनलकारियों का आरक्षण बिल पेश किया गया था। लेकिन कुछ संशोधन होने के चलते बिल को सर्वसम्मति से प्रवर समिति को भेज दिया गया था। पिछली बैठक में प्रवर समिति ने राज्य आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक में आश्रितों की श्रेणी में तलाकशुदा और परित्यक्ता बेटियों को भी शामिल करने का सुझाव दिया था। साथ ही राज्य सरकार की सभी भर्ती परीक्षाओं में राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की हिमायत की थी।
बिल में ये प्रमुख संशोधन प्रस्तावित
1. आंदोलन के घायलों व सात दिन अथवा इससे अधिक अवधि तक जेल में रहे आंदोलनकारियों की जगह चिन्हित राज्य आंदोलनकारी होना चाहिए
2. आंदोलनकारियों को लोक सेवा आयोग वाले समूह ग के पदों पर भी सीधी भर्ती में आयु सीमा और चयन प्रक्रिया में एक साल की छूट मिले।
3. लोकसेवा आयोग की सीधी भर्ती में राज्य महिला क्षैतिज आरक्षण की तरह 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा।