टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र में सील की गई इमारत में चल रहा था काम, एमडीडीए ने कराया बंद

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ऋषिकेश। टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र निर्मल ब्लाक में उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद बहुमंजिला व्यावसायिक इमारतों का निर्माण बेधड़क जारी है। व्यवसायियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि एमडीए की ओर से सील की गई इमारतों में सील तोड़कर निर्माण कार्य किया जा रहा है।

सोमवार को एमडीडीए की टीम ने यहां औचक निरीक्षण किया तो कई ऐसे निर्माण होते पाए गए, जिनमें पूर्व में सीलिंग की कार्रवाई की गई थी। फिलहाल टीम ने निर्माण कार्य रोकते हुए चेतावनी जारी की है।

ऋषिकेश के पशुलोक क्षेत्र में टिहरी बांध विस्थापितों को विस्थापित किया गया था। यहां पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में व्यवसायियों ने विस्थापितों की भूमि को क्रय कर लिया है। अब इस भूमि पर बहुमंजिला व्यवसायिक इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। इन बहुमंजिला इमारत के निर्माण से स्थानीय नागरिकों के हवा-पानी बंद हो रहा है। जिसको लेकर स्थानीय नागरिक लंबे समय से विरोध करते आ रहे हैं।

कई बार सीलिंग की कर चुका है कार्रवाई
स्थानीय नागरिकों की अपील पर उच्च न्यायालय ने इस क्षेत्र में व्यवसायिक इमारत के निर्माण पर रोक के आदेश दिए हैं। इन आदेशों के अनुपालन में एमडीडीए यहां कई बार सीलिंग की कार्रवाई भी कर चुका है। मगर, बावजूद इसके व्यवसायियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह सरकारी सील लगी होने के बाद भी निर्माण कार्य बंद नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई व्यवसायियों ने एमडीए की सील को भी तोड़ दिया है।

यहां गंगा नदी के निकट हो रहे एक व्यावसायिक निर्माण को लेकर स्थानीय नागरिक पिछले कुछ दिनों से लगातार शिकायत करते आ रहे हैं। सोमवार को एमडीडीए की टीम ने निर्मल ब्लॉक विस्थापित क्षेत्र में पूर्व में की गई सीलिंग का निरीक्षण किया।

इस दौरान करीब 10 से 12 निर्माण ऐसे पाए गए, जिन्हें पूर्व में सील किया गया था। मगर व्यवसायियों ने इस सील को तोड़कर बिना किसी अनुमति के निर्माण कार्य शुरू कर दिए हैं।

सीलिंग तोड़कर कराए गए निर्माण
एमडीडीए के सहायक अभियंता सुरजीत सिंह रावत ने बताया कि एमडीडीए के सचिव ने विशेष तौर पर इस निरीक्षण के आदेश दिए थे। निरीक्षण के दौरान करीब 12 निर्माण ऐसे पाए गए, जिनमें सीलिंग तोड़कर निर्माण कार्य कराए जा रहे थे। उन्होंने बताया कि सभी जगह फिलहाल निर्माण कार्य रोकते हुए व्यवसायियों को चेतावनी दी गई है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट एमडीडीए के सचिव को प्रस्तुत की जाएगी।

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