देहरादून। कोरोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) में शुरू हो गई है। वहीं, पूरे प्रदेश में सैंपलों की वेटिंग सात हजार तक पहुंच गई है। इन सभी सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने पर प्रदेश में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ सकता है। प्रदेश में अब तक 27 हजार से अधिक सैंपलों की जांच गई है। जिसमें एक हजार से अधिक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
बाहरी राज्यों से आने वाले लोग संक्रमित मिलने से सरकार ने सैंपलिंग बढ़ाई है। लेकिन प्रदेश में चार सरकारी लैब होने के कारण सैंपलों की वेटिंग बढ़ गई है। अब आईआईपी में भी सैंपलों की जांच शुरू हो गई है। हालांकि शुरूआत में कम सैंपलों की जांच हो रही है। लेकिन आने वाले एक-दो दिनों में यहां सैंपलों की जांच बढ़ जाएगी।
शासकीय प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश में सैंपलिंग में तेजी आने के साथ ही बड़ी मात्रा में सैंपलों की वेटिंग बढ़ गई है। आईआईपी देहरादून में भी सैंपलों की जांच के लिए लैब शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार की ओर से सैंपल जांच की सुविधा के लिए केंद्र सरकार से बात हुई है।
वहीं, सरकार चार से पांच राज्यों में निजी लैब से सैंपल जांच के रेट का आकलन कर रही है। दो-तीन दिन के भीतर निजी लैब में टेस्टिंग पर निर्णय लिया जाएगा। आने वाले समय में सैंपलिंग बढ़ाना और वेटिंग संख्या को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
किसी की डिमांड पर नहीं होंगे सैंपल टेस्ट
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के आधार पर कोरोना सैंपल की जांच की जाती है। किसी मंत्री, विधायक, दायित्वधारी व सचिव के कहने से सैंपल की जांच नहीं होगी। हाई रिस्क, कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण या परिवार के किसी सदस्य के पॉजिटिव पाए जाने पर ही सैंपल की जांच की जाएगी।
आईआईपी लैब से आएगी 50 सैंपलों की जांच रिपोर्ट
आईआईपी के निदेशक अंजन राय ने लैब का शुुुभारंभ किया। राय ने बताया कि कोविड जांच के लिए बीएसएल-2 प्लस लैब एक महत्वपूर्ण इकाई है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में लैब में रोज 50 सैंपल की जांच की जाएगी। एक सप्ताह के बाद प्रतिदिन 100 सैंपल की जांच होगी। अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि प्रदेश में एक और सरकारी लैब शुरू होने से जांच में तेजी आने के साथ अन्य लैबों पर टेस्टिंग का दबाव कम होगा।
उन्होंने कहा कि लैब कोरोना के अलावा अन्य संचारी रोग डेंगू, एच1एन1 और अन्य विषाणु जनित रोगों की जांच के लिए उपयोगी होगी। इस मौके पर आईआईपी के वैज्ञानिक डॉ. देवाशीष, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य विभाग डॉ.अर्जुन सिंह सैैंगर, राज्य नोडल अधिकारी डॉ.पंकज कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।