देहरादून। उत्तराखंड सरकार जल्द ही जेलों में कैदियों की सुविधा और इनके पुनर्वास को अपना माडल प्रिजन एवं करनेक्शनल बनाने जा रही है। हाल ही में उत्तराखंड के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश सरकार से इसकी प्रगति के संबंध में जानकारी हासिल की थी।
गृह मंत्री के निर्देशों के क्रम में गृह विभाग अब इस पर कार्य करने में जुट गया है। इसमें कैदियों, विशेषकर महिला कैदियों की स्वास्थ्य सेवाओं, सुधार और पुनर्वास पर फोकस किया जाएगा।
इसी वर्ष बनाया गया है यह मॉडल
केंद्र सरकार ने इसी वर्ष माडल प्रिजन एक्ट बनाया है। इस एक्ट में जेलों में कैदियों की सुरक्षा मूल्यांकन, शिकायत निवारण, कैदियों के प्रति व्यवहार में बदलाव एवं महिला कैदियों व ट्रांसजेंडर के लिए अलग आवास का प्रावधान तथा पुनर्वास जैसी व्यवस्था की गई हैं। इस एक्ट में कैदियों के सजा काटने के बाद पुनर्वास के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एक्ट तैयार करने के दिए निर्देश
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अपनी परिस्थिति के हिसाब से अपने यहां माडल प्रिजन एंड करनेक्शनल एक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने देहरादून में कारागार विभाग की बैठक ली थी। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या पर चिंता जताई थी। साथ ही इनके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए थे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक्ट को दिया जाएगा अंतिम रूप
इस बैठक के बाद अब गृह विभाग तेजी से इस दिशा में कार्य करने में जुट गया है। इसके तहत शासन ने सभी जेलों में कैदियों की संख्या, आवासीय स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवा योजना के संबंध में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मांगी है। साथ ही शासन में केंद्र के इस नए एक्ट का अध्ययन भी चल रहा है।
माना जा रहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस संबंध में एक विस्तृत बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें एक्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा।