देहरादून। पर्यटन विभाग ने रोडवेज के सहयोग से प्रदेशभर में संचालित ‘दीनदयाल मातृ पितृ तीर्थाटन योजना’ पर कोरोना के चलते रोक लगा दी है। योजना में वरिष्ठ नागरिकों को चारधाम यात्रा कराई जाती थी। वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के निदेशक प्रशांत आर्य ने योजना पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। इसके बाद रोडवेज के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने भी सभी मंडलों व डिपो में अग्रिम आदेश तक योजना पर रोक के आदेश दे दिए।
वर्ष 2017 में भाजपा सरकार ने पूर्व की कांग्रेस सरकार की ओर से चलाई गई ‘मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ’ योजना का नाम परिवर्तित कर ‘दीनदयाल मातृ पितृ तीर्थाटन योजना’ कर दिया था। इसमें बुजुर्गों को चारों धाम समेत अन्य धार्मिक स्थलों की मुफ्त यात्रा कराई जाती थी। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के स्तर पर संचालित इस योजना में कांग्रेस शासनकाल में केवल बद्रीनाथ, गंगोत्री, नानकमता और रीठा साहिब की ही यात्रा कराई जा रही थी, लेकिन भाजपा सरकार ने धार्मिक स्थल की संख्या बढ़ाकर 13 कर दी। कलियर शरीफ, ताड़केश्वर (पौड़ी), कालीमठ (रुद्रप्रयाग), जागेश्वर (अल्मोड़ा), गैराड़ गोलू (बागेश्वर), गंगोलीहाट (पिथौरागढ़), महासू देवता हनोल, कालिंका (पौड़ी गढ़वाल), ज्वाल्पा (पौड़ी गढ़वाल) को भी सरकार ने 2018 में इसमें शामिल कर लिया था। इस मर्तबा कोरोना के चलते बुजुर्गो की सेहत को देखते हुए योजना पर रोक लगा दी गई है।
दीपक जैन (रोडवेज महाप्रबंधक) का कहना है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से दीनदयाल मातृ पितृ तीर्थाटन योजना पर रोक के आदेश रोडवेज मुख्यालय को मिले हैं। वरिष्ठ नागरिकों के प्रति कोरोना काल में अधिक सतर्कता के दृष्टिगत अग्रिम आदेशों तक योजना पर रोक लगाई गई है।