कालसी। वन विभाग की ओर से कालसी में 25 एकड़ भू-भाग में विकसित किया जा रहा जैव विविधता सिटी पार्क पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिसाल कायम कर रहा है। पार्क में वन विभाग के कर्मचारियों को कई ऐसी प्रजातियों के पौधे उगाने में सफलता मिली है, जो सिर्फ 1000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर ही पनपते हैं।
चकराता वन प्रभाग के डीएफओ दीप चंद आर्य ने बताया कि पार्क में सेमला, काकड़ सिंगी, दारली और ददुला प्रजाति के पौधे रोपे गए हैं। यह पौधे सिर्फ 1000 मीटर की ऊंचाई पर होते हैं, लेकिन वन कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत और लगन से 550 मीटर की ऊंचाई स्थित पार्क में इन वनस्पतियों को उगाया है। बताया कि पार्क में ही विभाग की ओर से नक्षत्र, पंचवटी और बांस वाटिका का भी निर्माण किया गया है। इन वाटिकाओं में लोग 27 नक्षत्रों को समर्पित पौधों के साथ ही सीता अशोक और विभिन्न 14 बांस प्रजातियों को देख सकते हैं।
इनमें से कई प्रजातियां दुर्लभ श्रेणी में आती हैं। बताया कि पूरे पार्क में 350 प्रजाति के पौधे रोपे गए हैं। इनमें मेडिसिनल वेल्यू के दुर्लभ पौधे भी हैं।
पर्यटकों को लुभाता है पार्क
डीएफओ दीप चंद आर्य ने बताया कि कालसी में काली माता मंदिर के नीचे करीब 25 एकड़ में विकसित किया गया यह पार्क पर्यटकों को खासा रास आता है। हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक इस पार्क के सैर सपाटे के लिए पहुंचते हैं। भारतीय वन सेवा, प्रांतीय वन सेवा के प्रशिक्षु दल और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में फॉरेस्ट्री और एनवायरमेंटल साइंस की पढ़ाई करने वाले छात्र भी पार्क के भ्रमण पर पहुंचते हैं और विभिन्न प्रकार के पौधों के बारे में रिसर्च करते हैं।
चार साल पहले विकसित होना शुरू हुआ था पार्क
डीएफओ ने बताया कि जैव विविधता सिटी पार्क की कल्पना को करीब चार साल पूर्व आकार देना शुरू किया गया था। बताया कि सिटी पार्क को विकसित करने का उद्देश्य शहरी इलाकों की आबोहवा को शुद्ध करना है। भविष्य में बड़े-बड़े शहरों के पास ऐसे ही पार्क को विकसित करने की जरूरत पड़ेगी, जिससे लोगों को शुद्ध वायु मिल सके।