देहरादून। बीते साल जिन महकमों को बजट खर्च में फ्री हैंड मिला था, नए साल में हालात उलट गए हैं। मार्च के बाद अब अप्रैल में भी वाहन कर के सूखे, पेट्रोल-डीजल तक की कम खपत, राजस्व वसूली में कमी समेत तमाम वित्तीय इमदाद में करीब तीन से चार हजार करोड़ की कमी से राज्य को जूझना पड़ सकता है। ऐसे में खर्च कम और सब्र ज्यादा के फार्मूले पर सरकार आगे पांव बढ़ाएगी।
कोरोना के खतरे ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। गुजरे वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र से विभिन्न अहम योजनाओं में राज्य को अपेक्षाकृत कम मदद मिल सकी है। कोरोना से उपजे संकट के साथ नए वित्तीय वर्ष में कदम रखते हुए राज्य सरकार के सामने राजस्व के संकट के मुश्किल हालात हैं।
नए वाहनों की बिक्री का धंधा पहले से ही मंदा है। मार्च में राजस्व वसूली को झटका लगा। अब लॉकडाउन के साथ नए वित्तीय साल के दहलीज पर राजस्व जुटाने की चिंता सरकार पर तारी है। नए बजट को लेकर सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों में यह साफ है कि इस बार महकमों को फूंक-फूंककर खर्च करना होगा।
कार्यालय पर होने वाले खर्च पर कोरोना से बचाव की पाबंदी लग चुकी है। यह खर्च अब कर्मचारियों की सुरक्षा पर लगना है। केंद्र से नए साल में ज्यादा मदद की उम्मीद लगाना बेमायने माना जा रहा है। वजह साफ है। केंद्र के सामने भी कॉरपोरेट टैक्स, एक्सपोर्ट-इंपोर्ट टैक्स, जीएसटी में कमी समेत कई चुनौती है। बड़े और छोटे, दोनों निर्माण कार्यों में बजट का इस्तेमाल सावधानी से करने के निर्देश सरकार ने दिए हैं।
बजट खर्च में हाथ बांधकर चलेगी सरकार
कोरोना के खतरे से निपटने में पूरी ताकत झोंक रही प्रदेश सरकार नए बजट को खर्च करने में हाथ बांधकर चलेगी। कुल सालाना बजट 53526.99 करोड़ का 50 फीसद अगले छह महीने के लिए बजट नियंत्रक अधिकारियों यानी विभागाध्यक्षों के जिम्मे सशर्त कर दिया गया है। शर्त ये है कि खर्च को नियंत्रित किया जाएगा।
नए बजट का इस्तेमाल करने से पहले पिछले साल का शेष बजट विभागों को वापस करना होगा। पीएलए में जमा या पार्किंग की गई विभिन्न योजनाओं और कार्यों की धनराशि को संबंधित विभाग शासन की अनुमति लेकर पहले ही इस्तेमाल करेंगे।
प्रदेश सरकार ने नए वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट के उपयोग के संबंध में सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वित्त सचिव अमित नेगी की ओर से सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों समेत सभी विभागाध्यक्षों को जारी आदेश में कोरोना का असर साफतौर पर दिखाई दे रहा है।
नए बजट का इस्तेमाल करने से पहले सभी महकमों को गुजरे वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट ऑनलाइन सरेंडर करने की हिदायत दी गई है। वचनबद्ध मदों में वेतन, महंगाई भत्ते, अन्य भत्ते, मजदूरी, पेंशन, सेवानिवृत्तिक लाभ, उपार्जित अवकाश नकदीकरण और उपयोगिता बिलों के भुगतान को विभागाध्यों को अधिकृत किया गया है।
आहरण वितरण अधिकारी यह काम खुद नहीं करेंगे। आहरण वितरण अधिकारियों की मांग पर एरियर के भुगतान को बजट आवंटित किया जाएगा। वाहनों की खरीद के लिए वित्त की मंजूरी जरूरी होगी। निर्माण
कार्यों के लिए पहली, दूसरी और तीसरी किस्त क्रमशः 40
फीसद, 40 फीसद और 20 फीसद जारी की जाएगी। केंद्रपोषित, बाह्य सहायतित, विशेष आयोजनागत सहायता संबंधी योजनाओं के बजट वित्त की स्वीकृति से जारी होंगे। आदेश में यह भी कहा गया कि कैंपा का धन राज्य सरकार को प्राप्त हो चुका है।