हैरान करने वाले किस्से : मौलवी ने ‘पैगंबर का इत्र’ नाक से सटा किया कोरोना का ईलाज, 2 दिन के बाद मरीज और उसके 2 दोस्तों की मौत

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एक प्रतिष्ठित समाचार पात्र द आब्जर्वर की खबर के मुताबिक एक तरफ तो विश्व के बड़े-बड़े देश इसकी दवा बनाने में नाकाम हैं वहीं एक इस्लामिक व्यक्ति पैगंबर इत्र से कोरोना वायरस के रोगियों को ठीक करने का दावा कर रहा है। इतना ही नहीं, ईरान के कोरोना वायरस संकट में चरमपंथी धार्मिक मौलवी कोरोना पीड़ितों के उपचार में पारंपरिक इस्लामी चिकित्सा का भीउपयोग कर रहे हैं।

21 मार्च को एक मौलवी मोर्तेजा कोहंसल ने उत्तरी ईरान के गिलान प्रांत के अंजली स्थित एक अस्पताल में कोरोनो वायरस मरीज सेक्शन का दौरा किया। अपने इस दौरे में कोहंसल ने कुछ कोरोनो वायरस रोगियों के लिए इस्लामी उपाय लागू किया।

दरअसल उसके हाथ में इत्र था, जिसे वह कोरोना रोगियों की नाक के नीचे लगा रहा था, जिसे उसने पैगबंर इत्र का नाम दिया। इतना ही नहीं, इस दौरान उसने वहाँ खड़े डॉक्टरों और नर्सों के साथ भी कुछ तस्वीरें लीं। गौर करने वाली बात यह कि कोहंसल ने जिस व्यक्ति के साथ फोटो ली थी, दो दिनों के बाद गिलान प्रांत में स्थानीय मीडिया में एक खबर छपी कि उस मोहसिन शरीफ की मौत हो चुकी है। वहीं दूसरी तस्वीरों में दिख रहे शरीफ के दो दोस्तों की भी मौत हो गई।

अंजली के स्थानीय प्रशासन ने मोर्तेजा कोहंसल के लिए गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर दिया है। इसके बाद से ही आरोपित अपनी गिरफ्तारी से बचता घूम रहा है।

बताया जा रहा है कि ईरान में सबसे पहले कोरोना का केस शिया मुस्लिमों के सबसे पवित्र शहरों में से एक, कोम से आया था। इसकी पहली घोषणा 19 फरवरी को आधिकारिक तौर पर की गई थी। हालाँकि तभी सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने शहर को लॉकडाउन करने का आह्वान किया था, लेकिन धार्मिक कट्टरपंथियों ने शहर को लॉकडाउन करने से साफ इंकार कर दिया।

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