भूस्खलन से तीन नेशनल हाईवे समेत 338 सड़कें बंद, खतरे के निशान पर बह रहीं नदियां

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उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन के कारण मलबा आने से करीब 338 सड़कें बंद हैं। इनमें तीन नेशनल हाईव भी शामिल हैं। बीते दिनों भूस्खलन से बाधित चार अन्य नेशनल हाईवे को यातायात के लिए बुधवार को ही खोला जा सका। सबसे अधिक 284 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। कार्यदायी एजेंसियां लगातार सड़कों को खोलने के काम में लगी हैं, लेकिन बारिश के चलते इस काम में दिक्कतें पैदा हो रही हैं।प्रदेश में बुधवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ, कर्णप्रयाग-रानीखेत, टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे समेत कई प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित रहा। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग श्रीनगर से 7 किलोमीटर दूर चमधार में मलबा आने की वजह से मंगलवार शाम साढ़े 6 बजे से अवरुद्ध है। यातायात को वैकल्पिक रूट पर डायवर्ट किया गया है। रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ और कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे कई घंटे बंद रहे।

कुमाऊं में भूस्खलन से मलबा आने के कारण 45 सड़कें बंद हैं। इसमें चंपावत जिले में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है जो शनिवार से बंद है। भारतोली और स्वांला के पास मलबा आने से ये राजमार्ग आवाजाही के लिए बंद है।पिथौरागढ़ में सीमा को जोड़ने वाले चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 14 सड़कें बंद है। सभी सड़कों को खोलने का काम चल रहा है। नैनीताल जिले में दो मोटर मार्ग मलबा आने से अवरूद्ध हैं।इनमें भवाली नैनीताल-टांकी पंगूट राज्य मार्ग के अलावा क्वारब-मौना ल्वेशाल रोड शामिल है। इधर मौसम विभाग ने अगले दो दिन राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीव्र बौछारों के साथ भारी और भारी से भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।

प्रदेश में अधिकतर नदियों का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बुधवार को 292.60 मीटर रिकार्ड किया गया, जो खतरे के निशान 294.00 मीटर से नीचे है।  गढ़वाल में अलकनंदा गंगा और मंदाकिनी का जलस्तर खतरे के निशान से 3 मीटर नीचे है । एसडीआरएफ  की टीमें जल स्तर पर बराबर नजर रखे हुए हैं।अलकनंदा नदी का जलस्तर 534 मीटर के आसपास है। यहां चेतावनी स्तर 535 मीटर है। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी निशान से 90 सेंटीमीटर नीचे 338.60 मीटर पर बह रही है। बीन नदी, सौंग, सुवसा और चंद्रभागा नदी उफान पर हैं। यमकेश्वर ब्लॉक के डांडा मंडल का ऋषिकेश से सड़क संपर्क टूट गया है। प्रशासन ने गंगा और बरसाती नदियों से सटे संभावित बाढ़ क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है।टिहरी बांध की झील का जलस्तर आरएल 792.40 मीटर तक पहुंच गया है। झील में टीएचडीसी को आरएल 830 मीटर तक पानी भरने की अनुमति है। झील से 377 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्रों को खाली कराना पड़ा। हरिद्वार मेंभीमगौड़ा बैराज के गेट खोलने पड़े, जिससे गंग नहर में पानी की आपूर्ति बाधित रही। चंपावत में चार पेयजल योजनाओं को भी नुकसान पहुंचा है।  प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कैंपटी फॉल में जलस्तर बढ़ने पर पुलिस ने पर्यटकों को लौटा दिया।नई टिहरी के सौंदी गांव में मलबे की चपेट में आकर एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई, वहीं भूधंसाव होने से कई आवासीय मकान खतरे की जद में आ गए हैं। उत्तरकाशी में ऑल वेदर रोड का 20 मीटर हिस्सा मकान के ऊपर गिर गया। परिवार के छह लोगों ने खिड़की तोड़कर जान बचाई।अल्मोड़ा में चौखुटिया नदी में बही एक स्कूटी बरामद हुई है, लेकिन स्कूटी सवार लापता है। वहीं ऋषिकेश में सुबह बीन नदी के तेज बहाव के बीच फंसे एक यूटूलिटी वाहन और चालक सहित पुलिस और वन विभाग की टीम ने क्रेन की मदद से सकुशल निकाला। वाहनों को नदी पार करने से रोका जा रहा है।

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