देहरादून। संवाददाता। रूड़की नगर निगम और पिथौरागढ़ उपचुनाव को सूबे की भावी राजनीतिक दिशा और दशा निर्धारित करने वाले चुनाव के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि सत्ता से बाहर रहकर भी कांग्रेस ने त्रिस्तरीय चुनाव में संतोषजनक प्रदर्शन किया है लेकिन अब उसकी सारी उम्मीद पिथौरागढ़ उपचुनाव पर ही टिकी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस की जीत के लिए चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झौंक रखी है। उनका दावा है कि कांग्रेस पिथौरागढ़ उपचुनाव में ही जीत दर्ज नही करेगी, 2022 के चुनाव में दमदार वापसी करेगी।
प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पुत्र विवाह में व्यस्त होने के कारण हरीश रावत इन दिनों पिथौरागढ़ चुनाव प्रचार में जुटे हुए है। कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व ब्लाक प्रमुख अंजू लुंटी को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि तकनीकी तौर पर अंजू लुंटी को भाजपा प्रत्याशी चंद्रा पंत के मुकाबले कमजोर प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि चंद्रा पतं पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी है। उनके निधन से खाली हुई इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में उन्हे सहानुभूति वोट मिलने की संभावनाएं है। लेकिन कांग्रेस इस चुनाव में राज्य सरकार की विफलताओं को चुनावी मुद्दा बना रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि भाजपा नेताओं की शगुफेबाजरी का सच अब जनता के सामने आ चुका है। राज्य में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो चुके है। सड़कों की हालत पूरी तरह से खराब है। युवा रोजगार के लिए भटक रहे है। छात्र आंदोलन कर रहे है, पिथौरागढ़ के नैनी सैनी से जो हवाई सेवा शुरू की गयी थी वह ठप पड़ी है। उन्होने कहा कि तीन साल में सरकार ने कुछ भी तो नहीं किया है। उनका मानना है कि जनता अपने साथ धोखा करने वाले को इस चुनाव में करारा जवाब देने जा रही है। उन्होने कहा कि पिथौरागढ़ उप चुनाव ही नहीं 2022 में भी कांग्रेस जोरदार वापसी करेगी। यहां 25 नवम्बर को मतदान होना है अब चुनाव प्रचार अंतिम चरण में पहुंच चुका है तथा दोनो ही दलों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झौंक रखी है।