सरकारी डॉक्टरों के बाहर की दवा लिखने पर एमसीआई करेगी कड़ी कार्रवाई

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Medical Council OF India will do Action if Government doctors write brand Medicineदेहरादून। सरकारी डॉक्टरों ने अगर अस्पताल और जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाओं के बजाय मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं लिखीं तो एमसीआई उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए एमसीआई से शिकायत करने का आदेश जारी किया है।

दरअसल, जिला अस्पताल समेत तमाम सरकारी अस्पतालों में अक्सर शिकायत रहती है कि डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध दवाओं के बजाय मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं लिख देते हैं। दवा कंपनियों से सांठगांठ के चलते भी कई डॉक्टर ऐसा करते हैं। इससे खासकर गरीब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पिछले दिनों जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और अन्य अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली थी।

बैठक में कई डॉक्टरों द्वारा मरीजों को सस्ती दवाओं के बजाय बाहर की महंगी दवाएं लिखने पर सख्त नाराजगी जताई गई थी। इसके बाद सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी, जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीसी रमोला, दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा और अन्य चिकित्सा अधिकारियों ने भी अपने अधीन आने वाले चिकित्साधिकारियों को अस्पताल में उपलब्ध दवाएं लिखने के निर्देश दिए। इस पर भी तमाम डॉक्टर अब भी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं।

जिला अस्पताल के अधीन आने वाले कोरोनेशन और गांधी शताब्दी अस्पताल के सीएमएस डॉ. रमोला ने डॉक्टरों को सख्त दिशा निर्देश दिए हैं। सीएमएस ने आदेश के साथ दोनों अस्पतालों और उनके जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाओं की सूची भी जारी की है। उन्होंने कहा है कि अस्पताल और जन औषधि केंद्र में उपलब्ध दवाओं से इतन दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों की शिकायत भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) से की जाएगी। डॉक्टरों को यह भी याद दिलाया कि एमसीआई में ही उनका पंजीकरण होता है। ऐसे में दोषी डॉक्टरों पर एमसीआई कार्रवाई भी करेगी।

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