प्रदेश सरकार 2030 तक सेवा क्षेत्र में 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करके 20 लाख स्थानीय लोगों को रोजगार देगी। इस लक्ष्य के साधने के लिए मंगलवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य की पहली सेवा क्षेत्र नीति को मंजूरी दी गई।
नीति में निवेशकों के लिए प्रति प्रोजेक्ट 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी और भूमि आवंटन का प्रावधान किया गया है। लेकिन दोनों में से निवेशक को एक रियायत मिलेगी। इससे 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास भी होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कुल छह प्रस्तावों पर मुहर लगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, सेवा क्षेत्र नीति में स्वास्थ्य, आतिथ्य ( होटल और कन्वेंशन), वेलनेस और पारंपरिक चिकित्सा ( वेलनेस सेंटर, आयुर्वेद, वेलनेस रिजार्ट योगा सेंटर), शिक्षा ( कॉलेज, विवि और विद्यालय स्कूल), फिल्म व मीडिया ( फिल्म सिटी), खेल व आईटी और आईटीईएस तथा डेटा सेंटर के क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें सरकार नीति के तहत निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित करेगी। पूंजीगत सब्सिडी के लाभ के लिए न्यूनतम पूंजी निवेश जरूरी होगा।
सेवा क्षेत्र नीति से पहाड़ में बड़ी कंपनियां आएंगी
सेवा क्षेत्र नीति से आने वाले दिनों में पहाड़ में बड़ी हॉस्पिटल चेन, स्कूल चेन, विवि, कॉलेज, वेलनेस रिजॉर्ट खुलेंगे। जिससे एक ओर जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तो दूसरी ओर पहाड़ के युवाओं के लिए रोजगार की नई राह खुलेगी।