ऋषिकेश। पुलिस की नाक के नीचे घर-घर में कच्ची शराब बनाने का कारोबार चल रहा है। शिकायत के बाद भी इन पर कार्रवाई न होने से नाराज महिलाओं ने खुद शराब के खिलाफ अभियान शुरू किया। इस दौरान घरों में बन रही सैकड़ों लीटर कच्ची शराब व लाहन नष्ट किया गया। भट्टियों को तोड़कर फेंका और थैलियों में पैक कच्ची शराब को सड़क पर बहा दिया।
विकास ग्राम संगठन से जुड़ी महिलाओं ने साहबनगर गांव में शराब की भट्टियों पर धावा बोला। इस दौरान सौंग नदी किनारे एक आश्रम व करीब एक दर्जन झोपड़ियों से कच्ची शराब बनाने की सामग्री, शराब भरी थैलियां व भट्टी नष्ट की।
महिलाओं को देखकर शराब बनाने वालों में हड़कंप मच गया और वे मौके से भाग खड़े हुए। महिलाओं ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी। मौके पर आए पुलिसकर्मियों को पकड़ी गई शराब व भट्टियां दिखाई गई।
महिलाओं का नेतृत्व कर रही क्षेत्र पंचायत सदस्य आशा कुड़ियाल ने बताया कि गांव में खुलेआम शराब बनाने व बेचने का कारोबार चल रहा है, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं करती। मजबूरन महिलाओं को कार्रवाई करनी पड़ी। शराब के प्रचलन की वजह से गांव का माहौल खराब हो रहा है। लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
जंगल में भी बन रही कच्ची शराब
साहबनगर में न केवल घरों में बल्कि आस-पास जंगल मे भी शराब बनाई जा रही है। साहबनगर व नवाबवाला से सटे रिजर्व फॉरेस्ट में प्राकृतिक जलस्रोतों के आस-पास भट्टियां देखी जा सकती हैं। खुलेआम बन रही शराब से पुलिस व वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने स्वाभाविक हैं।
पुलिस ने दिखाई महिलाओं को धौंस
साहबनगर में शराब बनाने वालों पर कार्रवाई के बजाय मौके पर पहुंचे दो सिपाही महिलाओं को धमकाते दिखे। इस दौरान पुलिस कर्मी महिलाओं को नियम कायदों के पाठ पढ़ाने लगे और शराब बनाने वालों को पकड़ने के बजाय मौके से चले गए।