दून का एक और मेजर दुश्मनों से लोहा लेते हुए पुलवामा में शहीद

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देहरादून। संवाददाता। पुलवामा अवंतिपोरा में सीआरपीएफ के 40 जवानों का खून बहाने वाले आरोपी आंतकियों से लोहा लेते हुए आज उत्तराखण्ड के एक और सपूत शहीद हो गया। इस वीर सपूत ने अपनी शहादत से पहले अंवतिपोरा हमले के आरोपी जैशए मोहम्मद के दो आंतकियों को मौत की नींद सुलाकर अपने शौर्य का इतिहास तो लिख डाला लेकिन आंतकियों की जवाबी कार्यवाही में उत्तराखण्ड के इस सपूत सहित चार जवानों को भी अपनी जान न्यौछावर करनी पड़ी।

मेजर विभूति की पुलवामा में आंतकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहादत की यह खबर ऐसे समय में दून पहुंची है जब उनके दोस्त शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट का अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जा रहा था। बीते चार दिनों में सूबे के चार सपूतों की शहादत से पूरे प्रदेश में भारी गम और गुस्से का माहौल है। मेजर विभूति का परिवार दून के नेशविला रोड स्थित डंगवाल मार्ग पर रहता है। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। 31 वर्षीय मेजर विभूति डौडियाल मूल रूप से पौड़ी के रहने वाले थे। लोग स्तब्ध है उनकी अभी बीते साल अपैल 2018 में ही शादी हुई थी। उनकी शहादत की खबर से सुनने वाले भी सन्न है।

घंटो तक तो किसी का साहस परिजनों को यह खबर देने का भी नहीं हुआ। लोगों को घर के पास जुटते देख परिजन भी नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर हुआ क्या है? उनकी शहादत की खबर उनके परिजनों को उनकी बूढ़ी बीमार मां की नाजुक स्थिति को देखते हुए भी कई घंटो तक नहीं दी गयी। जैसे ही परिजनों को उनकी शाहदत की खबर मिली परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों पर जैसे मुसीबत का पहाड़ ही टूट पड़ा। मां के बुढ़ापे की लाठी छिन गयी, पत्नी की मांग का सिंदूर और बहनों से उनका भाई।

पुलवामा में शुक्रवार को हुआ आंतकी हमला, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे उनमें उत्तराखण्ड के दो सपूत मोहनलाल रतूड़ी और विरेन्द्र सिंह बिष्ट भी शामिल थे। जिनकी चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि बीते कल शहीद मेजर चित्रेश का पार्थिव शरीर दून पहुंच गया। उनका अंतिम संस्कार हुआ भी नहीं था कि अब एक और सपूत मेजर विभूति के शहादत की खबर दून पहुंच गयी। चार दिन में चार सपूतों की शहादत से चारों और गमगीन माहौल है। पुलवामा हमले के बाद सेना द्वारा आप्रेशन 25 शुरू किया गया था। एक अनुमान के अनुसार इस हमले के मास्टर मांइड व सहयोगी आंतकियों के 25 किलोमीटर के रेडियस में होने की संभावना जताई गयी थी। सेना ने इस क्षेत्र को घेर कर सर्च आप्रेशन चलाया था इसी के दौरान आज सुबह सुरक्षा बलों ने पुलवामा के एक गांव के एक घर में आंतकियों के होने की खबर मिली।

सेना का आप्रेशन शुरू हुआ तो घर में छिपे जैश के उन दो कुख्यात कमाण्डरों जिसमें अब्दुल मसूद गाजी और कामरान को सेना ने मार गिराया लेकिन आतंकियों से लोहा लेते हुए दून के मेजर विभूति ढौडियाल सहित चार जवान भी शहीद हो गये। समाचार लिखे जाने तक मुठभेड़ जारी थी। वहीं स्थानीय लोगों द्वारा सेना पर पत्थरबाजी भी की जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा से 21 किलोमीटर दूर पिंगलन में हुई इस मुठभेड़ में जो जवान शहीद हुए है उनमें मेजर डीएस ढौढियाल, हेड कांस्टेबल सेवाराम, सिपाही अजय कुमार व हरी सिंह शामिल है। एक जवान घायल है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी शहीद 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे।

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