देहरादून। संवाददाता। दस साल सरकारी सेवा में रहने के बाद नौकरी से निकाले गये चैकीदार प्रेमराम का धरना अभी भी जारी है लेकिन उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। न तो मंत्रियों के आदेशों पर कोई सुनवायी हो रही है न नेताओं व अधिकारियों के आगे की जाने वाली मिन्नतें उनके काम आ रही है रात को बाल विकास महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्य के आवास पर आश्रय का सहारा भी समाप्त हो गया है। फिर भी राज्यपाल से इच्छा मृत्यू की गुहार तक लगा चुके चैकीदार प्रेमराम अभी भी परेड ग्रांउड में धरना दिये बैठे है।
आज प्रेमराम के धरने को 46 दिन हो चुके है तथा इस बीच वह तमाम नौकरशाह और नेताओं के दरवाजे खटखटा चुके है किन्तु कहीं भी उनकी फरियाद नहीं सुनी गयी है। चैकीदार पे्रमराम का कहना है कि अब उनके पास खोने के लिए सिर्फ जान ही बची है अगर वह भी चली जाये तो कोई बात नहीं है लेकिन वह लौट कर घर नहीं जायेंगे। समाज कल्याण विभाग में दस साल नौकरी करनेे के बाद उन्हे विभागीय अधिकारियों द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर नौकरी से हटा दिया गया था। अप्रैल 2017 में नौकरी से हटाये जाने के कारण उनकी आर्थिक हालात भी ठीक नहंी है अभी बीते दिनों प्रेमराम ने इच्छा मृत्यू की मांग भी राज्यपाल से की थी।