देहरादून। संवाददाता। पूरे उत्तराखण्ड में यातायात व्यवस्था सुधारने का दम्भ भरने वाली मित्र पुलिस यातायात सुधार मामले में कितनी असहाय है इसकी बानगी तकरीबन हर रोज सुभाष रोड स्थित पुलिस मुख्यालय के समीप देखी जा सकती है। यहां स्कूल छूटने पर जहां अक्सर जाम की समस्या विकराल रूप ले लेती है तो वहीं यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए तैनात की गयी पुलिस व सीपीयू कर्मी भी बगलें झांकते दिखायी देते है।
ऐसे में अन्दाजा लगाया जा सकता है कि जब राज्य के पुलिस मुख्यालय जहां पुलिस के आलाधिकारी मौजूद रहते है, के समीप ही यातायात सुधार के नाम पर कुछ नहीं किया जा सका है तो पूरे राज्य व राजधानी देहरादून में जाम के क्या हालात होगें। यूं तो राजधानी देहरादून और जाम का तो जैसे चोली दामन का साथ है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से तो शहर में जाम की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि अब जाम का सुबह से शाम तक दिखना आम बात है। यातायात पुलिस जहां लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के तकरीबन हर रोज दावा करती है। वहीं यह समस्या दिनों दिन लगातार बढ़ती जा रही है।
राजधानी देहरादून में जाम लगने के हालात क्या है इसका नजारा दोपहर स्कूल छूटने के समय पर पुलिस मुख्यालय के समीप ही देखा जा सकता है। यहां इस समय जहां सड़क पर चारों ओर जाम लगा नजर आता है वहीं यातायात व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी संभाले पुलिस कर्मी भी इस समय असहाय व एक तरफ किनारे खड़े नजर आते है। ऐसे में अन्दाजा लगाया जा सकता है कि जब पुलिस मुख्यालय के सामने तकरीबन हर रोज जाम लगने के इस तरह के हालात है तो पूरे शहर व राज्य में जाम की स्थिति क्या होगी। वहीं यातायात सुधारने के लिए गठित की गये सीपीयूकर्मी भी शहर के दो किमी की रेंज में अक्सर यातायात सुचारू रखने की बजाय चालान काटकर अपना टारगेट पूरा करने में मशगूल दिखायी देते है।