निशंक से देवभूमि की जनता को उम्मीदे, स्कूलों की मनमानी पर लगे रोक

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री बनने से उत्तराखण्ड के स्कूल संचालकों और पेरेन्ट्स की उम्मीदे बढ़ गई हैं. राइट-टू-एजुकेशन का फंड रिलीज़ होने से लेकर शिक्षा विभाग में सुधार तक की उम्मीदें बंधने लगी हैं।

उत्तराखण्ड में राइट-टू-एजुकेशन यानि आरटीई के तहत बीपीएल-2 कैटगरी में पढ़ने वाले बच्चों के पूरे सत्र की फ़ीस का भुगतान नहीं किया गया है. बता दें कि बीपीएल कैटेगरी में प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फ़ीस का स्कूलों को भुगतान शिक्षा विभाग करता है जिसे फंड केंद्र से मिलता है. पिछले सत्र की फ़ीस न मिलने की वजह से प्राइवेट स्कूल आरटीई के तहत एडमिशन देने में आनाकानी करने लगे हैं।

उत्तराखंड के पूर्व सीएम निशंक के मानव संसाधन मंत्री बनने से अब उम्मीद बंधी है कि यह भुगतान जल्द होगा. दून इंटरनेशनल स्कूल के वाइस प्रिंसिपल दिनेश बर्तवाल कहते हैं कि निशंक जी राज्य की समस्याओं और ज़रूरतों को बखूबी समझते हैं. इसलिए वह बच्चों और स्कूलों के हितों का ख़्याल रखते हुए आरटीई फंड को जल्द से जल्द रिलीज़ करवाएंगे।

पेरेन्ट्स की उम्मीदें कुछ अलग हैं. अभिभावकों के संगठन (नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स) के अध्यक्ष आरिफ़ खान उम्मीद जताते हैं कि निशंक प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएंगे और पारदर्शी फ़ीस नीति पर काम करेंगे।

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