देहरादून। संवाददाता। आज विधानसभा के अंदर भाजपा के विधायकों ने अपने ही मंत्रियों को सवालों के ज़रिए घेरा तो विभागीय मंत्री अपने जवाबों से विधायकों को संतुष्ट करने में पूरी तरीके से नाकाम दिखाई दिए। स्थिति यह रही कि कई बार संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक को खड़े होकर मोर्चा संभालना पड़ा। विधायकों ने अपने अनुपूरक प्रश्नों के जरिए मंत्रियों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी। कई विधायकों ने यह भी कहा कि कुछ सवालों के जवाब सदन में ग़लत दिए जा रहे हैं।
सड़क बनते ही मिले मंज़ूरी
सल्ट के बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने ऐसी सड़कों को मंज़ूरी मिलने का मुद्दा उठाया जिन्हें परिवहन विभाग से मंज़ूरी नहीं मिली है उन्होंने कहा कि पहाड़ों में ऐसी बहुत सी सड़कें हैं जो बन तो चुकी हैं लेकिन परिवहन विभाग ने उन्हें मंज़ूरी नहीं दी है. ऐसी सड़कों में वाहन दुर्घटना होने पर बीमा कंपनी मुआवज़ा देने से इनकार कर देती है।
जीना की बात का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि कुल 1089 में से 790 सड़कों का सर्वे हुआ है। 61 सड़कों का सर्वे अभी बाकी है। सल्ट विधायक ने आग्रह किया कि सड़क के बनते ही उसका संयुक्त सर्वे करवाकर उसे मंज़ूरी प्रदान करने की परंपरा डाली जाए क्योंकि पहाड़ों में सड़क दुर्घटना की दर बहुत अधिक है।