देहरादून। संवाददाता। वेल्हम ब्वायज स्कूल में आयोजित दो दिवसीय मिलिट्री हिस्ट्री सेमीनार का शुभारंभ पूर्व आर्मी चीफ व विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि सैन्य के इतिहास से सीखने की जरूरत है और उसे ही भविष्य की बुनियाद रखी जाए। सेमीनार में देशभर के स्कूलों के छात्र हिस्सा ले रहे हैं।
इस मौके पर फ्लैग मार्च के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जनरल वीके सिंह ने कहा कि मानवता के विकास के साथ ही विभिन्न सभ्यताओं के द्वंद्व का भी दौर शुरू हुआ। विस्तारवाद की सोच शुरू से ही रही है।
उन्होंनें कहा कि सैन्य इतिहास को जानना बहुत ही आवश्यक है। अन्यथा व्यक्ति यह नहीं जान सकता कि कब किन हालात में क्या हुआ। यदि आप सैन्य इतिहास में नहीं झांकेंगे तो गलतियां करते रहेंगे। यह आपको रणनीतिक रूप से भी मजबूत करेगी।
जनरल सिंह ने माना कि भारतीय सेना में अफसरों की कमी है। उन्होंने कहा कि 10़2 के बाद फौज में करियर चुनने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है। समस्या स्नातक के बाद शुरू होती है। क्योंकि तब किसी भी युवा के पास अधिक विकल्प मौजूद रहते हैं।
बारहवीं के बाद सेना में आने के इच्छुक युवाओं के अनुपात में हमारे पास प्रशिक्षण के सीमित संसाधन हैं। ऐसे में एक व्यवस्था यह बना सकते हैं कि छूटे युवाओं को विभिन्न शैक्षणिक संस्थान में भेजा जाए। साथ ही उन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाए। स्नातक के बाद उन्हें एसएससी के माध्यम से सेना में शामिल किया जा सकता है। वह फौज में नहीं भी आएंगे तो बेहतर नागरिक बनेंगे।
वेल्हम ब्वायज के चेयरमैन दर्शन सिंह ने कहा कि भावी पीढी को देश के सैन्य इतिहास की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज यदि हम युवाओं से 1962, 1965 या 1971 युद्ध के बारे में बात करें तो वह बहुत कम जानते होंगे।
उन्होंने कहा कि मजबूत अर्थव्यवस्था की ही तरह एक अच्छी सेना के लिए भी प्लानिंग की जरूरत है। दो दिवसीय सेमीनर में युवा प्रतिभागी विविध सामरिक मसलों पर मंथन करेंगे।