शिक्षा मंत्री का अधिकारियों को अल्टीमेटम -कामचोर घर में बैठे

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देहरादून। संवाददाता। शिक्षा विभाग में सुधार की कवायदों में अपने आप को विफल होते देख अब शिक्षा मंत्री ने इसका ठीकरा शिक्षा सचिव व अधिकारियों के सिर पर फोड़ते हुए कहा कि कामचोर अधिकारियों को वह घर बैठा कर ही चैन से बैठेंगे।

शिक्षा विभाग में सुधार करने के लिए नया फीस एक्ट तथा तबादला एक्ट लाया गया था व सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाये जाने का आदेश दिया गया था। लेकिन यह आदेश समय से संम्बन्धित अधिकारियों और स्कूलों तक नहीं पहुंच सके। नतीजन स्थिति नौ दिन चले अढाई कोस वाली ही रही। अपने मिशन में स्वंय को फेल होता देख अभी दो दिन पहले शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय द्वारा शिक्षकों और अभिभावकों से माफी मांगी गयी थी और कहा था कि वह उन्हे न्याय नहीं दिला सके इसके लिए वह माफी मांगते है साथ ही उन्होने इस विफलता के लिए अधिकारियों को जिम्मेवार ठहराया गया था।

शिक्षा मंत्री ने आज अपनी इसी बात को कुछ और आगे बढ़ाते हुए कहा है कि वह इन कामचोर अधिकारियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और उन्हे घर बैठाकर ही दम लेगें। शिक्षा मंत्री पाण्डेय का कहना है कि इस बाबत मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वह बात करेगें। दरअसल शिक्षा मंत्री को यह हौसला मुख्यमंत्री के ही उस बयान से मिला है जिसमें उन्होने नकारा कर्मचारियों और अधिकारियों को सेवानिवत्ति देने की बात कही थी। शिक्षा मंत्री को भरोसा है कि मुख्यमंत्री नकारा अधिकारियों के खिलाफ जो सख्त रूख अपना रहे है उसके तहत उनकी बात को भी तब्जोह मिल सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जिन्होने अधिकारियों को यह साफ कर दिया है कि सुधर जाओं अन्यथा घर बैठा दिये जाओगे। अरविंद पाण्डेय की शिकायत पर वह कितना गौर करते है या शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुन्दरम व अन्य अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करते है यह तो समय ही बतायेगा। फिलहाल शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को यह अल्टीमेटम जरूर दे दिया है कि वह उन्हे घर बैठा कर ही रहेगें।

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