देहरादून/कोटद्वार। सूबे की सरकार भले ही वन्य जीव सरंक्षण के लिए अपनी पीठ थपथाती रहे तथा राज्य के जंगलों में वन्य जीवो की गणना में प्रगति होने की बात कहती हो लेकिन वन्य जीवों की हत्या और उनके अंगों की तस्करी रोकना वन विभाग और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। कोटद्वार से प्राप्त समाचार के अनुसार जंगल में तीन लेपर्ड की मौत का मामला प्रकाश में आने से वन महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी मौके पर पहुंच गये है तथा गश्त बढ़ा दी गयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन तीनों लेपर्ड को जहर देकर मारा गया है। घटना की जानकारी वन विभाग को ग्रामीणों द्वारा दी गयी है। खास बात यह है कि तीन अलग अलग रेंज में इन लैपर्डो के शव मिले है। एक शव लैंसडाउन व दूसरा हरिद्वार तथा तीसरा शव राजाजी नेशनल पार्क में मिला है। मौके पर पहुंचे अधिकारियों द्वारा इन लैपर्ड के शव कब्जे में ले लिये गये है। इनके शरीर पर किसी तरह के जख्म के निशान नहीं है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इन्हे जहर देकर मारा गया है।
इस घटना के बाद वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में गश्त तेज कर दी गयी है तथा किसी ग्रामीण को जंगल में नहीं जाने दिया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा इन लेपर्ड को शिकारियों द्वारा जहर देने की आंशका जताई गयी है। सभी शव घने जंगल के अन्दर मिले है। वन अधिकारियों का कहना है कि इन लैपर्ड की मौतों के कारण का सही पता पोस्टमार्टम के बाद ही चल सकेगां एक साथ जंगल में तीन लैपर्ड की मौत से अधिकारी हैरान परेशान है।