देहरादून। संवाददाता। राजधानी से लेकर पहाड़ों तक पैर पसार चुके डेंगू से निपटने में शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से फेल साबित हो चुका है। दून में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से मरीजों की संख्या आठ सौ के आस पास पहुंच चुकी है वहीं पूरे प्रदेश में यह अब तक 11 सौ से अधिक हो चुका है जबकि अकेले दून में डेंगू के मरीजों की संख्या सात सौ के पार हो चुकी है। यही नहीं अब तक राज्य में डेंगू से आठ लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन मौतों के सच को स्वीकार करने से भी कतरा रहे है।
डेंगू से मौतों का यह सिलसिला जो इन्द्रेश अस्पताल में एक महिला की मौत से शुरू हुआ था अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते रोज दून में डेंगू से एक और युवक की मौत का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि डेंगू से निपटने के दावे करने वाला स्वास्थ्य विभाग इस युवक को उचित इलाज तक मुहैया नहीं करा सका और इलाज के अभाव में युवक की मौत हो गयी।
जानकारी के अनुसार नेहरूग्राम पुलिया नम्बर 6 निवासी एक युवक रमेश क्षेत्री पुत्र अमर सिंह बीते तीन चार दिनों से डेंगू बुखार से पीड़ित था। 31 वर्षीय रमेश को उसके परिजन इलाज के लिये दून के तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों में लिए लिये घूमते रहे लेकिन तमाम अस्पतालों की खाक छानने के बाद भी किसी अस्पताल में युवक को भर्ती नही किया गया। क्योंकि कहीं भी आईसीयू में बैड खाली नहीं थे और तो और बीमार रमेश के परिजनों को आईएमए ब्लड बैंक से समय पर खून भी नहीं मिल सका। तेजी से गिरते प्लेटलेट्स के कारण बीते रोज आखिरकार रमेश डेंगू के साथ लड़ते हुए जिन्दगी की जंग हार गया। उसकी मौत के साथ ही राज्य में डेंगू से मरने वालों की संख्या आठ तक पहुंच गयी है लेकिन स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। कि राज्य में अब तक डेंगू से कोई मौत हुई है।