देहरादून। संवाददाता। राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कान्त पाल व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने म्ंागलवार को लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित ‘रन फाॅर यूनिटी’ को हरी झण्डी दिखाकर विधानसभा से रवाना किया।
राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने भी इस दौड़ में प्रतिभाग किया। इससे पूर्व राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने घंटाघर के समीप सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पाजंलि अर्पित की। पुलिस लाईन में ‘रन फाॅर यूनिटी’ के समापन पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल डाॅ. पाल ने सभी प्रतिभागियों व उपस्थित लोगों को राष्ट्रीय एकता व अखण्डता की शपथ दिलाई।
राज्यपाल ने कहा कि देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के मौके पर ‘रन फाॅर यूनिटी’ द्वारा आज सारा देश अपने महान नेता को श्रद्धांजलि दे रहा है।
अपने महापुरूषों की स्मृति को चिरस्थायी रखकर ही कोई देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकता है। जब 130 करोड़ लोग देश की रक्षा व एकता के लिए दृढ़ संकल्प लेते हैं तो देश की तरफ आंखें उठाकर देखने की किसी भी ताकत की हिममत नहीं हो सकती है।
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के समय देश में पांच सौ से अधिक देशी रियासतें थीं। इनका भारतीय संघ में विलीनिकरण आसान नहीं था। यह सरदार पटेल की दृढ़ संकल्प शक्ति, राजनीतिक सूझबूझ व दूरदर्शिता थी जिससे असम्भव से लगने वाले काम को बिना किसी खूनखराबे के कर दिखाया गया।
केवल हैदराबाद रियासत में सेना की टुकड़ी भेजनी पड़ी परंतु वहां भी विशेष हिंसात्मक प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। ऐसा विश्व के इतिहास में कभी नहीं हुआ। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के लिए संघर्ष के दौरान सरदार पटेल द्वारा बारदोली में सशक्त सत्याग्रह के कारण वहां के लोगों ने इन्हें ‘सरदार’ की उपाधि दी।
बाद में पूरे देश में उन्हें ‘सरदार’ कहा जाने लगा। उनकी मजबूत संकल्प शक्ति के कारण उन्हें लौहपुरूष की संज्ञा भी दी गई। राज्यपाल ने कहा कि ‘रन फाॅर यूनिटी’ में बड़ी संख्या में स्कूल व काॅलेजों के बच्चे प्रतिभाग करने आए हैं। इनके जोश को देखकर बड़ी खुशी होती है। हमारी युवा पीढ़ी बहुत ही प्रतिभावान है।
इनमें अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान की भावना है तो आगे बढ़ने की ललक भी है। लगन और कठिन परिश्रम, सफलता की कुंजी है। ऊंची सोच रखें, परंतु पांव जमीन पर रहें। तमाम विविधताओं के होते हुए भी पूरा भारत देश एक है। ‘‘भारतीयता’’ हमारी पहचान है।
हमें एकजुटता बनाए रखकर अपनी इस पहचान को बरकरार रखना है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने विशाल जनसमूह के साथ एकता की प्रतीक के रूप में आयोजित इस पूरी दौड़ में स्वयं प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपनी सूझबूझ एवं राष्ट्र की एकता के लिए देश की आजादी से पूर्व कई देसी रियासतों को भारत में मिलाने का कार्य आरंभ कर दिया था।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री एवं प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर देश की एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में आज पूरा देश दौड़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर युवाओं को आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के मंदिरों में भारत के महापुरुषों के जन्मदिवस पर उनके जीवन वृत्त एवं कार्यों तथा संस्कारों की विस्तृत जानकारी दी जाए।