देहरादून। कोरोना संक्रमण की संभावित चौथी लहर से निपटने के लिए केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के बाद प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पर्याप्त इंतजाम का दावा किया जा रहा है। अस्पतालों में 27 दिसंबर को मॉक ड्रिल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को परखा जाएगा।
वर्तमान में सैंपल जांच के आधार पर प्रदेश में संक्रमण दर 0.31 प्रतिशत है। रोजाना औसतन दो से तीन संक्रमित मामले ही सामने आ रहे हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य है, लेकिन चीन समेत कई देशों में कोरोना वायरस के नए स्वरूप से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
एहतियात के तौर पर सरकार ने निगरानी बढ़ा दी है। इसके अलावा अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था को परखा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देश पर 27 दिसंबर को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर व्यवस्थाओं को परखा जाएगा।
कोविड संक्रमण से बचाव के लिए अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम है। लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतने को कहा गया है। अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को परखा जाएगा।
–डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य
राज्य के पास इंतजाम
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य में कुल 22428 ऑक्सीजन सिलिंडर हैं। इसके अलावा 9743 ऑक्सीजन कॅन्सेनट्रेटर समेत 86 स्थानों पर ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित हैं। सरकारी अस्पतालों में 762 आईसीयू बेड, 8189 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 1032 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।
सरकारी लैबों की प्रतिदिन 15 हजार आरटीपीसीआर जांच की क्षमता
प्रदेश के चार राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा समेत अन्य अस्पतालों में स्थापित 12 पैथोलॉजी लैब में प्रतिदिन 15 हजार आरटीपीसीआर जांच की क्षमता है। इस समय प्रतिदिन औसतन 600 से 700 सैंपलों की जांच हो रही है। सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर एक प्रतिशत से कम है।